अब जब यह आंदोलन ने जन अभियान का रूप धारण कर लिया है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक हो चुकी है लेकिन मंत्री अपने विधानसभा के लोगों की समस्या सुनने तक नहीं पहुंच रहे हैं। रायपुर और आरंग के बीच मंदिरहसौद से पहले टोल नाका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। लगातार विरोध के बाद भी निर्माण कार्य नहीं रोकने को लेकर अब लोग विरोध में सडक़ पर उतरने को तैयार हैं। इसके लिए पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमानंद जांगड़े के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीणों ने टोल प्लाजा का निर्माण रोकने की मांग कर रहे है।
नहीं मिली रैली की अनुमति
स्थानीय लोगों ने हस्ताक्षर अभियान व 20 किलोमीटर रैली निकाल कर कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने की अनुमति निर्वाचन आयोग से मांगी थी। अब तक निर्वाचन आयोग ने उन्हें अनुमति नही दी है।
बढ़ेगी महंगाई: टोल नाका का निर्माण किया जा रहा है, उसके पास 2 चौक और रेलवे क्रॉसिंग है। इसके चलते मंदिर हसौद से एयरपोर्ट जाने वाले मार्ग पर घंटों जाम लगा रहता है। यहीं पर रेलवे साइडिंग भी बनाया गया है। जहां कंपनियों का कच्चा माल तथा चावल और खाद की गाडियां भी खाली की जाती हैं। मुख्य बाजार, एचपी गैस प्लांट, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, मोनेट, जिंदल का स्टील प्लांट भी है। इसलिए हर वस्तु की कीमत 10 फीसदी बढ़ जाएगी।
अवैध रुपए से बन रहा है टोल प्लाजा
लोगों का कहना है कि क्षेत्र की जनता से एक ही सडक़ का दोहरा टैक्स लेना न्याय संगत नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी के नियमों के मुताबिक टोल प्लाजा का निर्माण किया जाना चाहिए। रसनी और लखौली के बीच पहले से ही टोल प्लाजा संचालित है। इस टोल प्लाजा से मंदिर हसौद में नव निर्मित टोल प्लाजा की दूरी महज 14 किलोमीटर की है, जबकि गाइडलाइन के अनुसार 30 किलोमीटर दूर होना चाहिए था।
नगरी प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने बताया कि स्थानीय लोगों ने चुनावी रैलियों के समय मांग की थी। अब वर्तमान में कोई शिकायत आई नहीं आई है।
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