scriptयहां न्यायालय का पहला मामला जहां दहेज देने के लिए पत्नी व ससुर पर चलेगा मुकदमा | Father in law and wife Will run on trial for giving dowry in Durg | Patrika News

यहां न्यायालय का पहला मामला जहां दहेज देने के लिए पत्नी व ससुर पर चलेगा मुकदमा

locationरायपुरPublished: Jan 16, 2019 09:24:19 am

Submitted by:

Deepak Sahu

दुर्ग न्यायालय ने दहेज देने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है

Durg court

यहां न्यायालय का पहला मामला जहां दहेज देने के लिए पत्नी व ससुर पर चलेगा मुकदमा

दुर्ग. दहेज लेना और दहेज देना दोनों कानूनन जुर्म है। अक्सर दहेज लेने या मांगने वालों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का मामला सामने आता है, पर एक मामले में दुर्ग न्यायालय ने दहेज देने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्मिता रत्नावत ने नेहरूनगर निवासी निमिष एस. अग्रवाल (38) के परिवाद को प्रथमदृष्टया सही ठहराते हुए दहेज देने वाली दुर्ग के दीपकनगर निवासी रूही अग्रवाल और उसके पिता विजय अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश 4 जनवरी को दिया है। न्यायाधीश ने दोनों के खिलाफ दहेज देने की धारा 3 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।
पति पर दर्ज है दहेज लेने का केस : अधिवक्ता अर्जुन सिंह ने बताया कि निमिष अग्रवाल के खिलाफ उसकी पत्नी रूही अग्रवाल ने सुपेला थाने में दहेज मांगे जाने का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई है। पुलिस ने निमिष और उसके परिवार के सदस्यों को आरोपी बनाया है, जो इस मामले में जमानत पर हैं। निमिष ने कोर्ट में तर्क दिया कि उसकी पत्नी व ससुर ने दहेज देने का जुर्म किया है। निमिष ने न्यायाधीश के समक्ष पक्ष रखते कहा कि उसकी पत्नी रूही और ससुर ने दहेज देने की बात स्वीकार की है। अगर उन्होंने दहेज दिया है तो यह भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए उनपर भी अपराध दर्ज होना चाहिए। न्यायालय ने इस आधार को सही ठहराया।

एक्सपर्ट व्यू
सजा व जुर्माना या दोनों का प्रावधान
अधिवक्ता रविशंकर सिंह ने बताया कि दुर्ग न्यायालय में इस तरह का यह पहला मामला है, जिसमें दहेज देने वाले के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। धारा 3 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के प्रारंभ के पश्चात दहेज देगा या लेगा अथवा दहेज देना या लेना दुष्प्रेरित करेगा, तो वह कारावास का भोगी होगा, जिसकी अवधि 5 वर्ष से कम की नहीं होगी। साथ ही जुर्माने, जो 15 हजार रुपए से या ऐसे दहेज की मूल्य की रकम तक का, इनमें से जो भी अधिक हो, कम नहीं होगा।

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