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इन खतरों के खिलाडिय़ों का दर्द सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान

locationरायपुरPublished: Apr 15, 2018 11:48:35 am

Submitted by:

Tabir Hussain

24 घंटे ड्यूटी की शर्त पर करते हैं नौकरी, जानिए कहानी, उनकी ही जुबानी

Fireman Raipur
ताबीर हुसैन @ रायपुर . आपको कोई एेसाी जॉब करनी पड़े जिसमें खतरों के अलावा यह शर्त हो कि नौकरी 24 घंटे की होगी। एेसे में आपकी मैंटिलिटी बन जाएगी कि किसी भी वक्त ऑफिस से फोन आ सकता है। चाहे आप कितने भी जरूरी काम में क्यों न हो, जॉब को प्रायोरिटी देनी होगी। जी हां। फायर ब्रिगेड की नौकरी एेसी ही है। यहां आपको आग को बुझाने के खतरे तो झेलने ही हैं जरूरी काम के लिए छुट्टियां भी नहीं मिलती। चिंताजनक पहलू ये कि एक्सट्रा वर्क का पैसा भी नहीं मिलता। अग्निशमन दिवस पर बता रहे हैं कि फायरमैन के अनुभव।

दामाद गुजर गया, जा नहीं पाया
टिकरापारा स्थित दमकल कंट्रोल रूम के इंचार्ज मोइनुद्दीन ने बताया, नागपुर मेरा ससुराल है। छुट्टियों की दिक्कत के चलते आज 15 साल हो गए नहीं जा पाया। वर्ष 2016 में मेरे दामाद का निधन हो गया लेकिन मैं उसकी मिट्टी में शामिल नहीं हो पाया।

क्यों मनाया जाता है
14 अप्रैल 1944 को मुंबई बंदरगाह पर एक माल ले जाने वाले जहाज पर आग लग गई। जिसमें रुई, विस्फोटर और युद्ध उपकरण रखे हुए थे। आग पर काबू पाने की कोशिश में लगभग 66 अग्निशमन कार्यकर्ता आग की भेंट चढ़ वीर गति को प्राप्त हुए। इन्हीं दिवंगत कर्मियों की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को अग्निशमन दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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