विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 में जंगल सफारी में पर्यटक आय के बडे स्रोत थे। सफारी प्रबंधन ने वर्ष 2019 में लगभग 6 करोड़ रुपए पर्यटकों से राजस्व के रूप में कमाया था। वर्ष 2020 में यह आय, कोरोना संक्रमण के चलते 86 लाख रुपए में सिमट कर रहे गई। वर्ष 2021 में जंगल सफारी खोलने का निर्देश ना जारी होने की वजह से अब तक एक भी रुपए का राजस्व जंगल सफारी प्रबंधन के पास नहीं पहुंचा है।
खाना तक ले रहे उधारी में
सफारी प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया, कि पिछले वर्ष पैसों की कमी के चलते सफारी परिसर के वन्य प्राणियों को खाना सप्लाई करने वाले ठेकेदारों से उधार में वन्य प्राणियों का भोजन लेना पड़ा। ठेकेदारों ने विभागीय दबाव के चलते खाना तो वन्य प्राणियों को दे दिया, लेकिन अधिकारियों को कई बार उनके आगे मिन्नतें करनी पड़ी। इस सत्र भी सफारी बंद होने राजस्व की हानि हो रही है। सफारी में आय का स्रोत शुरू हो सके, इसलिए टेंडर देकर सफारी का खजाना भरने की तैयारी अधिकारी कर रहे है।
– एम. मर्सीबेला, डायरेक्टर, जंगल सफारी