महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी संत कालीचरण पर टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा कि बापू के कातिल अबतक जिंदा हैं, जिसके लिए वे शर्मिंदा हैं। कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं ने भी संत कालीचरण के अमर्यादित भाषा पर आपत्ति दर्ज कराते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
इससे पहले कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी संत कालीचरण की आलोचना करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, यह भगवाधारी फ़्रॉड राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को सरेआम गालियाँ दे रहा है, इसे तत्काल अंदर करना चाहिए। गाँधी जी से किसी को वैचारिक मतभेद हो सकता है,पर उनका अपमान करने का हक किसी को नहीं है। यह अक्षम्य अपराध है।
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी संत कालीचरण के अभद्र भाषा पर आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ये कौन है जो हमारे राष्ट्रपिता को गाली दे रहा है? मोदी जी कुछ करेंगे या इनको भी सिर्फ़ “दिल से माफ़ नही कर पाएँगे”
कालीचरण बाबा पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने विवादित विचार रखने वाले संत कालीचरण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, यह सारे देश और विश्व का अपमान है। धर्म संसद में जिस प्रकार से महात्मा गांधी के बारे में अपशब्दों का उपयोग किया गया है उससे पूरे देश के लोग नाराज हैं। कालीचरण बाबा पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए।
बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी में आयोजित धर्म संसद में खुलेआम महात्मा गांधी पर अभद्र और अमर्यादित बोल से बवाल मच गया। महाराष्ट्र के अकोला से आए संत कालीचरण ने मंच से धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करते हुए देश के विभाजन के लिए महात्मा गांधी को कोसा और गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) को नमस्कार किया।
संत कालीचरण का भाषण खत्म होने पर मंच बैठे राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष और दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास भड़क गए और मंच का बहिष्कार कर दिया। वहीं अन्य संतों ने भी संत कालीचरण के बिगड़े भड़काऊ बोल पर नाराजगी जाहिर की।