फायर ब्रिगेड की 10 गाडिय़ों ने बुझाई आग
भिलाई स्टील प्लांट (Fire in Bhilai Steel Plant) में लगी इस भीषण आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की 10 गाडिय़ों ने मशक्कत की। शुरूआत में आग नेप्था स्टोर में लगी। नेप्थलीन ज्वलनशील पदार्थ है, जिसकी वजह से आग ने भीषण रूप ले लिया और पूरे तार प्लांट को चपेते में ले लिया। वहां पर काम कर रहे 40 कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों ने 12 घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू किया।
बार-बार कर रहे एक ही लेडल का इस्तेमाल
बीएसपी में विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एक ही लेडल का उपयोग बार-बार कर रहे हैं। एक लेडल का इस्तेमाल 8 से 10 बार करने के बाद उसे मेंटनेंस में भेज दिया जाना चाहिए। इसके विपरीत 15 से 16 हिट्स एक लेडल से ले रहे हैं।
इस तरह तैयार होता है लेडल
लेडल को इस तरह तैयार किया जाता है, सबसे पहले बाल्टि में ब्रिक्स का लेयर लगाया जाता है, इसके बाद उसके ऊपर दो तरह के मेटल का लेयर लगाते हैं। इस तरह से यह तीन लेयर से इसे तैयार करते हैं।
एक दिन पहले ही हुआ है बड़ा हादसा
भिलाई इस्पात संयंत्र (Fire in Bhilai Steel Plant) के स्टील मेल्टिंग शॉप (SMS-3) लेडल में गुरुवार को LF-2 में लेडल पंचर हो गया था, जिससे चंद मिनट में आग फैल गई। आग लगने के बाद दो बड़े धमाके हुए, जिससे यहां काम करने वालों में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में दमकल विभाग से 2 वाहन को मौके पर भेजा गया। इसके बाद फायर फाइटरों ने करीब एक घंटे तक जद्दोजहद करने के बाद आग को नियंत्रित कर पाए। घटना में ट्रांसफार्मर, केबल सबकुछ जलकर खाक हो गया। वहीं लेडलकार भी अपने स्थान पर जम गया था। इस दौरान हॉट मेटल जमीन में बह गया और रेलवे ट्रैक पर फैल गया, जिससे यह ट्रैक जाम हो गया।