इससे अपराधियों को पकड़ने और मामले की विवेचना करने में आसानी होगी। साथ ही गिरोह का संचालन करने वाले तक पहुंचने में मदद भी मिलेगी। इसके लिए पीएचक्यू में रीजनल साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर तैयार किया गया है। यहां अत्याधुनिक कम्प्यूटर और डाटा एनालिसिस के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं। इससे इंटरनेट का आईपी एड्रेस, कमांड सेंटर और ठगी करने वाले के लोकेशन का पता करने में आसानी होगी। वहीं, किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर रकम के ट्रांजेक्शन को रोकने में भी मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि इस समय साइबर अपराध की जांच जिलों में बनाए गए साइबर सेल द्वारा की जाती है। लेकिन अत्याधुनिक मशीने नहीं होने के कारण अधिकांश मामलों की जांच नहीं हो पा रही थी।