बिलासपुर-रायपुर रोड के लिए काटे 5 हजार से अधिक पेड़
रायपुर-बिलासपुर रोड चौड़ीकरण के नाम पर पांच हजार से अधिक बड़े छायादार पेड़ काटे गए। डिवाइडर भले ही एक मीटर तक चौड़े बनाए जा रहे हैं, लेकिन वहां एक भी छायादार पौधे नहीं लगाए गए हैं।बजट 25 करोड़ का, पर पौधे लगाने में फिसड्डी
स्मार्ट सिटी के बजट में हरियाली और सौंदर्यीकरण के लिए हर साल 20 से 25 करोड़ रुपए का प्रावधान है, लेकिन पिछले तीन साल में किसी भी इलाके में डिवाइडर पर एक भी पौधा रोपा नहीं गया है। यही हाल नगर निगम का भी है। जिस जगह (भाठागांव) को ऑक्सीजोन के लिए आरक्षित किया गया है, वहां एक भी पेड़ नजर नहीं आते।हर साल निगम रोपता है 25 हजार पौधे, पर नजर नहीं आते कहीं
नगर निगम हर साल उद्यानों और तालाब किनारे 25 हजार से अधिक पौधे रोपता है लेकिन कहीं नजर नहीं आते। कॉलोनियों और बस्तियों में भी पौधे रोपने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पौधों का वितरण किया जाता है। निगम ने पिछले दस साल में जितने पौधे लगाए और बांटे, उस हिसाब से शहर में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती।इन इलाकों में डिवाइडर पर पौधे लगाने की जरूरत
टाटीबंध से भनपुरी चौक तक, तेलीबांधा से टाटीबंध चौक तक, केनाल रोड, देवेंद्र नगर तिराहे से केके रोड तक, कालीबाड़ी से पचपेड़ी नाका तक, पचपेड़ी नाका से डूमरतराई तक, सिद्धार्थ चौक से बोरियाखुर्द तक, फाफाडीह से भनपुरी चौक तक, रामनगर से गोगांव तक, पंडरी बस स्टैंड से मोवा-सड्डू तक, शंकर नगर चौक से खम्हारडीह तक डिवाइडर पर छोटे छायादार पौधे लगाने की जरूरत है।बरसात में पौधे रोपे जाएंगे
डिवाइडरों पर जहां-जहां छायादार पौधे लग सकते हैं, वहां बरसात में रोपे जाएंगे। सडक़ों पर हरियाली रहेगी और वाहनों से निकलने वाले धुएं के प्रदूषण से लोगों को राहत मिलेगी।