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पांच साल पहले 13 महिलाओं की हुई थी मौत, अब और दो अधिकारी निलंबित

locationरायपुरPublished: Mar 04, 2020 11:30:29 pm

Submitted by:

ramendra singh

बिलासपुर नसबंदी कांड : कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में उठाया मुद्दा, स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा

पांच साल पहले 13 महिलाओं की हुई थी मौत, अब और दो अधिकारी निलंबित

पांच साल पहले 13 महिलाओं की हुई थी मौत, अब और दो अधिकारी निलंबित

रायपुर. प्रदेश के कुख्यात बिलासपुर नसबंदी कांड में पांच वर्ष के अंतराल के बाद सरकार ने खाद्य एवं औषधि नियंत्रण विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को विधानसभा में सहायक औषधि नियंत्रक राजेश क्षत्री और औषधि निरीक्षक धर्मवीर सिंह को निलंबित करने की घोषणा की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, नसबंदी कांड की जांच प्रक्रिया में देरी हुई है। यह रेकॉर्ड पर है कि उस समय के अधिकारियों ने कागज जानबूझकर आगे नहीं बढ़ाया। ऐसा लगा कि वे जांच को आगे बढ़ाने में देरी कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को निलंबित किया जा रहा है। बिलासपुर के पेण्डारी में 8 नवम्बर 2014 को आयोजित नसबंदी शिविर में ऑपरेशन कराने के बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई थी। सदन में यह मामला कांग्रेस से बिलासपुर विधायक शैलेश पाण्डेय और तख्तपुर की रश्मि सिंह ने उठाया। शैलेश पाण्डेय ने कहा, सरकार ने दवा खरीदी में भारी अनियमितता की थी। उसकी वजह से ऐसी घटना हुई। मृतक महिलाओं के परिजनों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है।

दो अधिकारी पहले ही हो चुके हैं बर्खास्त

जवाब में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया, इस मामले में पहले ही बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके भांगे, ऑपरेशन करने वाले डॉ. आरके गुप्ता को सेवा से बर्खास्त किया गया। तखतपुर के तत्कालीन खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद तिवारी, सहायक औषधि नियंत्रक हेमंत श्रीवास्तव और परिवार कल्याण के राज्य नोडल अधिकारी को निलंबित किया गया। दवा निर्माता महावर फार्मा और कविता फार्मा के संचालकों के खिलाफ एफआईआर हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने मृत महिलाओं के परिजनों के लिए मुआवजा राशि, उनके बच्चों के लिए सरकारी इंतजाम और बीमार महिलाओं के इलाज का ब्योरा रखा। इससे नाराज तखतपुर विधायक रश्मि सिंह ने कहा, अगर आर्थिक मदद को ही सदन न्याय मानता है तो यह उन्हें मंजूर नहीं। इस घटना के खिलाफ कांग्रेस ने उस समय महतारी न्याय यात्रा निकाली थी। अब हम सरकार में हैं तो उन परिवारों को न्याय दिलाना होगा, नहीं तो यहां होने का कोई मतलब नहीं है।
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