इस नदी के किनारे बसे गाँवों के हजारों लोग इस जल के उपयोग से अपना जीवनयापन कर रहे हैं, किन्तु आधुनिकता और विकास की दौड़ में इस खारून नदी में बहुत से नालों के गंदे पानी के कारण इस नदी पर प्रदूषण का ऐसा काला साया पड़ चुका है। शासन- प्रशासन शीघ्र ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाने पर यह नदी एक नाले का रूप ले लेगी।
कुकरेजा ने कहा सोमवार को गंदगी और प्रदूषण के तरफ प्रशासन के ध्यानाकर्षण हेतु शिवसेना के प्रतिनिधि मंडल ने नदी किनारे प्रदर्शन किया। प्रशासन का 3 दिनों का अल्टीमेटम देकर इस प्रदूषण और गंदगी को रोकने का उपाय करने हेतु आग्रह किया गया है।