scriptFood and Drug Administration facing shortage of staff | स्टाफ की कमी से जूझ रहा खाद्य एवं औषधि प्रशासन, ऐसे में कैसे होगी जांच | Patrika News

स्टाफ की कमी से जूझ रहा खाद्य एवं औषधि प्रशासन, ऐसे में कैसे होगी जांच

locationरायपुरPublished: Jan 17, 2023 10:02:43 pm

Submitted by:

Manish Singh

- प्रयोगशाला में हर माह 150 सैम्पल पहुंच रहे, परंतु नतीजे सिर्फ 30 के आते हैं

स्टाफ की कमी से जूझ रहा खाद्य एवं औषधि प्रशासन, ऐसे में कैसे होगी जांच
स्टाफ की कमी से जूझ रहा खाद्य एवं औषधि प्रशासन, ऐसे में कैसे होगी जांच

रायपुर@छत्तीसगढ़ में दवाओं का करोड़ों रुपए का कारोबार है। लेकिन इनकी जांच के लिए पर्याप्त संसाधन ही नहीं है। हालात ऐसे हैं कि राज्य में एकमात्र लैब है, जहां दवाओं सहित अन्य खाद्य पदार्थों की जांच की व्यवस्था है। लेकिन यहां भी सालों से स्टाफ की भर्ती नहीं हुई है। अधिकारियों की मानें तो शासन स्तर पर भर्ती प्रक्रिया होनी है, जो हो ही नहीं पा रही है।
लैब में सीनियर और जूनियर साइंटिफिक ऑफिसर से लेकर असिस्टेंट व माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स के पद भी खाली है। इसका सीधा असर दवाओं सहित खाद्य पदार्थों की जांच पर पड़ रहा है। आंकड़ों के अनुसार लैब में हर माह 150 से ज्यादा दवाओं के सैंपल्स जांच के लिए भेजे जाते हैं, लेकिन इनमें से महज 30 से 40 सैंपल्स की जांच हो पा रही है। वहीं, अब तक 400 से ज्यादा सैंपल्स पेंडिंग पड़े हुए हैं, जिनकी जांच ही नहीं हो पा रही है। इसी बीच लैब में उदासीन व्यवस्था की वजह से सरकारी अस्पतालों में दवाओं की सप्लाई करने वाली एजेंसी सीजीएमएससी (दवा निगम) द्वारा भी इनकी जांच बाहर से करवाई जा रही है। जिसके लिए दवा निगम द्वारा भी छह निजी लैब से अनुबंध किया गया है। ऐसे मैं लैब होने के बाद भी प्रदेश के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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