डेंगू ने दी दस्तक, अंबेडकर अस्पताल में 30 संदिग्ध मरीज भर्ती, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
राजधानी में 20 लाख लीटर से ज्यादा दूध की सप्लाई घरों और होटलों में हो रही है। लेकिन जांच के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन गंभीर नहीं है। खुले दूध की तो सैंपलिंग में लापरवाही बरतने के साथ दूध की भी जांच नहीं हो रही है। प्रदेश में 9 कंपनियां पैक दूध उपलब्ध करवा रही हैं।फैट और कैल्शियम की मात्रा हो रही है कम
केंद्रीय प्रौद्योगिकी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार दूध में सबसे ज्यादा मिलावट पानी की होती है। इससे दूध की पौष्टिकता कम होती है और फैट एवं कैल्शियम की मात्रा घट जाती है। यह स्वास्थ्य के लिए घातक है। डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, यूरिया और पेंट वाला दूध लोगों को घर पहुंच रहा है। 68 प्रतिशत दूध एफएसएसएआई की मापदंड पर खरा नहीं है।
खाद्य विभाग की छापेमारी में 28 हजार 300 एक्सपायरी दूध के पैकेट जब्त, गोदाम सील
तो खुद कराएं जांच
दूध में मिलावट है या नहीं इसकी जानकारी लैब टेस्ट से सबसे सटीक मिलती है। छत्तीसगढ़ में यह लैब रायपुर के काली बाड़ी स्थित फूड एंड ड्रग विभाग के ऑफिस में है। इसका शुल्क निर्धारित है। जांच के लिए विभाग से संपर्क किया जा सकता है।मिलावटी दूध से कैंसर होने की संभावना
मिलावटी दूध से पेट के रोग, हार्ट की बीमारी व कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। मिलावटी दूध हमारे पाचन तंत्र पर सबसे पहले प्रभाव डालता है और उसे खराब करता है। ऐसा दूध पीने से फूड प्वाइजनिंग की आशंका बढ़ जाती है। पेट में दर्द, उल्टी, गैस की शिकायत जैसी कई लक्षण सामने आते हैं।