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खाद्य मंत्री भगत ने चिचिया और सरनाबहाल में नवीन धान खरीदी केंद्र का किया शुभारंभ

locationरायपुरPublished: Nov 30, 2021 06:02:32 pm

Submitted by:

Shiv Singh

जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर, उपाध्यक्ष संजय नेताम, जनक ध्रुव, भाव सिंग साहू ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में कलेक्टर निलेश क्षीरसागर, हाऊसिंग बोर्ड के सदस्य विनोद तिवारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और क्षेत्र के किसान तथा ग्रामवासी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

खाद्य मंत्री  भगत ने चिचिया और सरनाबहाल में नवीन धान खरीदी केंद्र का किया शुभारंभ

खाद्य मंत्री भगत ने चिचिया और सरनाबहाल में नवीन धान खरीदी केंद्र का किया शुभारंभ

रायपुर. खाद्य और संस्कृति मंत्री तथा गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत ने आज गरियाबंद जिले के विकासखण्ड देवभोग अंतर्गत ग्राम चिचिया और मैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सरनाबहाल में नवीन धान खरीदी केंद्र का शुभारंभ किया। इन दोनांे नवीन धान खरीदी केंद्र खुलने से आसपास की 8 ग्राम पंचायतों के 1200 किसानों को फायदा होगा। मंत्री भगत ने इस दौरान ग्राम चिचिया में ही 100 मिट्रिक टन क्षमता वाले खाद्य गोदाम का भी लोकार्पण किया। चिचिया और सरनाबहाल में धान खरीदी केन्द्र खुलने पर किसानों-ग्रामीणों में काफी हर्ष है। किसानों में इसके लिए राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
प्रभारी मंत्री भगत ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली यह सरकार किसानों की सरकार है। छत्तीसगढ़ की 80 प्रतिशत लोग खेती-किसानी पर निर्भर है। राज्य सरकार किसानों हित में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग एक लाख करोड़ रुपये के बजट में 26 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में सीधे दे रहे है। हमारी सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों का अल्पकालीन कृषि ऋण लगभग 10 हजार करोड रूपए का कर्ज माफ किया। समर्थन मूल्य में धान खरीदी के साथ-साथ सब्सिडी अनुदान की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रदान की जा रही है।
भगत ने कहा कि वर्तमान समय में आदिवासी क्षेत्रों के लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा है। पहले जहां 7 प्रकार कीे वनोपजों की खरीदी होती थी, वही हमारी सरकार इसे बढ़ाकर 52 वनोपजों की खरीदी कर रही है। तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा 2500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया गया है। गांव, गरीब, आदिवासी और किसान हमारे विकास के केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भूमिहीन मजदूरों को भी प्रति वर्ष 6000 रुपए देगी।

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