भाभा अनुसंधान केंद्र ने तैयार किया है प्लांट
इस प्लांट की स्थापना भाभा आण्विक अनुसंधान केंद्र मुंबई ने की है। केंद्र के विशेषज्ञों ने यहां रहकर ही इस प्लांट का पूरा सेटअप तैयार किया और अब यह काम करने लगा है। इस प्लांट में 10 केवी बिजली के उत्पादन के लिए हर दिन 500 किलो गोबर की आवश्यकता होगी। बिजली उत्पादन के बाद गोबर का उपयोग खाद के रूप में हो सकेगा। यहां की बिजली से 40 घरों को रोशन होंगे। इसकी क्षमता बढ़ाकर अतिरिक्त बिजली को ग्रिड सिस्टम के माध्यम से विद्युत कंपनी को बेचा भी जा सकता है।
सीएम कह चुके हैं यह मॉडल अब पूरे प्रदेश में होगा लागू
पिछले दिनों बस्तर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस प्लांट के पूरे कॉन्सेप्ट की सराहना की थी और कहा था कि यह मॉडल कमाल का है और इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित भी किया था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा था कि उनकी सरकार ग्रामीणों से गोबर खरीदने का काम पहले ही कर रही है अगर इस तरह प्लांट शुरू होते हैं तो ग्रामीणों की आय में और भी ज्यादा इजाफा होगा।