इसमें अनुसूची दो के तहत आने वाले चौंसिंगा, चीतल, बारहसिंगा और हिरण शामिल है। वन विभाग के अधिकारी इसकी तैयारियों में जट गए है। इसके लिए पिछले दिनों शिफ्ट किए जाने वाले बारनवापारा और तमोरपिंगला अभयारण्य के प्रभारियों, वन मंडल अधिकारियों और इससे जुड़े लोगों की बैठक हुई। इस दौरान वहां वन्यप्राणियों की संख्या और उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा की गई। साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए कड़ी चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए है।
इसलिए पड़ी जरूरत
बारनवापारा और उसके आसपास के क्षेत्रों में वन्यप्राणियों का झुंड लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी शिकायत काफी समय से स्थानीय ग्रामीण और किसानों द्वारा की जा रही थी। इसे देखते हुए बारनवापारा अभयारण्य और उसके आसपास के इलाकों में विचरण करने वाले वन्यप्राणियों की गणना करवाई गई। इस दौरान पता चला कि पिछले तीन वर्ष में अनुसूची दो के तहत आने वाले वन्यप्राणियों की संख्या में तीन गुना से अधिक इजाफा हुआ है। यहां करीब 2000 शाकाहारी वन्यप्राणी है। उनका झुंड भोजन की तलाश में जंगलों से बाहर निकल रहा है। वहीं दूसरी तरफ तमोरपिंगला में गिनती के वन्यप्राणी ही रह गए हैं।
बारनवापारा और उसके आसपास के क्षेत्रों में वन्यप्राणियों का झुंड लगातार फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी शिकायत काफी समय से स्थानीय ग्रामीण और किसानों द्वारा की जा रही थी। इसे देखते हुए बारनवापारा अभयारण्य और उसके आसपास के इलाकों में विचरण करने वाले वन्यप्राणियों की गणना करवाई गई। इस दौरान पता चला कि पिछले तीन वर्ष में अनुसूची दो के तहत आने वाले वन्यप्राणियों की संख्या में तीन गुना से अधिक इजाफा हुआ है। यहां करीब 2000 शाकाहारी वन्यप्राणी है। उनका झुंड भोजन की तलाश में जंगलों से बाहर निकल रहा है। वहीं दूसरी तरफ तमोरपिंगला में गिनती के वन्यप्राणी ही रह गए हैं।
अभयारण्य का किया निरीक्षण
वन विभाग के अफसरों ने दोनों अभयारण्य का निरीक्षण किया। उन्होंने वन्य प्राणियों की संख्या और वहां अभयारण्य के क्षेत्रफल की गणना की। इस दौरान पता चला कि बारनवापारा अभयारण्य 245 वर्ग किमी में फैला हुआ है। वहीं इससे ढाई गुना बड़ा और तमोरङ्क्षपगला 608.52 वर्ग किमी में फैला हुआ है। लेकिन, वन्य प्राणियों की संख्या वहां पर्याप्त नहीं है। गौरतलब है कि महासमुंद क्षेत्र में छोटे वन्य प्राणियों के बाद अब वहां हाथियों का आतंक भी शुरू हो गया है। इसे देखते हुए ग्रामीणों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है।
वन विभाग के अफसरों ने दोनों अभयारण्य का निरीक्षण किया। उन्होंने वन्य प्राणियों की संख्या और वहां अभयारण्य के क्षेत्रफल की गणना की। इस दौरान पता चला कि बारनवापारा अभयारण्य 245 वर्ग किमी में फैला हुआ है। वहीं इससे ढाई गुना बड़ा और तमोरङ्क्षपगला 608.52 वर्ग किमी में फैला हुआ है। लेकिन, वन्य प्राणियों की संख्या वहां पर्याप्त नहीं है। गौरतलब है कि महासमुंद क्षेत्र में छोटे वन्य प्राणियों के बाद अब वहां हाथियों का आतंक भी शुरू हो गया है। इसे देखते हुए ग्रामीणों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है।
शिफ्ट किया जाएगा
बारनवापारा के वन्य प्राणियों को तमोरपिंगला अभ्यारण्य में शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। उन्हे विशेषज्ञ की मदद से पकडऩे के बाद क्रमश भेजा जाएगा।
कौशलेन्द्र सिंह, पीपीसीएफ वाइल्ड लाइफ
बारनवापारा के वन्य प्राणियों को तमोरपिंगला अभ्यारण्य में शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। उन्हे विशेषज्ञ की मदद से पकडऩे के बाद क्रमश भेजा जाएगा।
कौशलेन्द्र सिंह, पीपीसीएफ वाइल्ड लाइफ