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प्रदेश के जंगलों में हो रहे शिकार को रोकने विभाग ने निकाला उपाय, PCCF ने दिए ये निर्देश

locationरायपुरPublished: Dec 09, 2019 10:16:09 pm

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CG Desk

* 6 माह में 35 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार* जिन इलाको में संदेहियों की चहल कदमी ज्यादा, वहां कैमरे से निगरानी* वन्य प्राणी रहे सुरक्षित इसलिए तीन शिफ्ट में वनकर्मी करेंगे गश्त
 

प्रदेश के जंगलों में हो रहे शिकार को रोकने विभाग ने निकाला उपाय

प्रदेश के जंगलों में हो रहे शिकार को रोकने विभाग ने निकाला उपाय

रायपुर । बारिश और ठंड शुरू होते ही प्रदेश के जंगलों में शिकारियों की चहल कदमी बढ़ गई है। शौक पूरा करने और पैसे कमाने की चाह में वनकर्मी शिकारियों के साथ मिलकर वन्य प्राणियों का शिकार कर रहे और उनकी जान खतरे में डाल रहे है। रविवार को प्रदेश के बारनवापारा अभ्यारण्य और कांकेर किसनपुरी गांव में क्रमश: 3 चीतल का शव और बाघ की खाल बरामद करने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने प्रदेश के जंगलों में सख्ती से जांच करने और संदेहियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का निर्देश जारी किया है।
शिकार और तस्करी में वनकर्मियों की संलिप्ता होने से विभागीय कर्मचारियों को अफसर संदेह के दायरे से देख रहे है। विभागीय सूत्रों की माने तो लंबे समय से जंगल इलाके में पदस्थ वनकर्मियों और अधिकारियों की शहरी इलाके और कार्यालयोंं में पोस्टिंग दी जाएगी, ताकि उनके जगह दूसरे कर्मियों को भेजकर व्यवस्था में सुधार किया जा सके।
तीन शिफ्ट में लगी ड्यूटी
विभागीय अधिकारियों ने बनाया कि प्रदेश के जंगलों में चौकसी मुस्तैद करने के लिए दो शिफ्ट की जगह अब तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। वन अफसरों और कर्मचारियों को कोर जोन में रहने वाले ग्रामीणों से मित्रवत व्यवहार करने और उनके बीच मुखबिर बनाने का निर्देश दिया गया है। जिस इलाके में लगातार संदिग्ध गतिविधियां होने की सूचना मिल रही है, वहां पर कैमरों से निगरानी करने का फरमान जिलेवार वन अफसरो ने जारी किया है। जंगल में वन्य प्राणी सुरक्षित रहे, इसलिए खुले रास्तों को काटेनुमा तार से बंद करने के निर्देश मुख्यालय में बैठे अधिकारियों ने वन अफसरों को दिया है।
एन्टी पोचिंग यूनिट तथा डॉग स्क्वायड पकड़ रही शिकारियों को
शिकारियों को पकडऩे और वन्य प्राणियों का अवशेष बरामद करने के लिए वन अफसरों ने एन्टी पोचिंग यूनिट तथा डॉग स्क्वायड टीम को जिम्मेदारी दी है। वन अफसरों के निर्देश पर ये टीम घटनास्थल पर पहुंची है और वहां से जांच करके शिकारियों को पकड़ती है। वन विभाग की टीम ने विगत 6 महीने में घटी शिकार की घटनाओं में अधिकांशता आरोपियों को पकड़ा है। कुछ आरोपी अभी गिरफ्त से दूर है, जिनकी तलाश में टीम के सदस्य जुटे हुए है।
केस 1
तेंदुए के शावक बरामद
12 सितंबर 2019 की रात को रायपुर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अभनपुर गांव में तेंदुए के दो शावको के साथ रायपुर निवासी मोहम्मद साबिर अली और राकेश निषाद को पकड़ा। आरोपियों ने गरियाबंद में रहने वाले फिरोज मेमन के माध्यम से मैनपुर के जंगलों से शावकों की खरीदी की थी। पुलिस ने मैनपुर के जंगलों से मामलें में 8 तस्करों को पकड़ा था। मास्टर माइंड फिरोज मेमन अभी तक पुलिस और वन अफसरों की गिरफ्त से दूर है।
केस 2
बारनवापारा में शिकारी गिरफ्तार
7 दिसंबर की रात को बारनवापारा और देवपुर परिक्षेत्र में चार शिकारियों ने 3 चीतलों को मार दिया। आरोपी 2 चीतल गाड़ी में भरकर महासमुंद ले जाने लगे और एक चीतल को जंगल में छिपा दिया। शिकारियों के दल में वन विकास निगम का कर्मचारी जावेद फारूकी, नरेंद्र पटेल सहित दो अन्य आरोपी भी मिल था। बारनवापारा अभ्यारण्य के पकरीद मार्ग में गश्त के दौरान वन अफसरों ने गाड़ी रुकवाई, तो आरोपी गाड़ी से निकलकर जंगल की तरफ भागने लगे। वनकर्मियों ने ड्राइवर नरेंद्र पटेल को मौके से पकड़ा और शेष सभी आरोपी फरार हो गए।
केस 3
तेंदुए की खाल के साथ गिरफ्तारइंद्रावती टाइगर रिजर्व के किसनपुरी गांव में 7 दिसंबर की दोपहर को वन अफसरों ने तेंदुए की खाल बेचने वाले 8 आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों में पुलिसकर्मी और पत्रकार भी शामिल है। वन अफसरों को 29 नवंबर को मुखबिर से कांकेर के आरोपी द्वारा सूरजपुर में तेंदुए की खाल का सौदा होने की सूचना मिली थी। वन अफसरों ने खरीददार बनकर गिरोह से संपर्क किया और सभी पर कार्रवाई की।
केस-4
तेंदुए का शिकार करके पंजे काटे, 22 गिरफ्तार
24 अक्टूबर 2019 को अचानकमार टाइगर रिजर्व में 22 आरोपियों ने तेंदुए का शिकार किया और उसके पंजे काटकर ले गए। वनकर्मियों को टाइगर रिजर्व के कंपार्टमेंट नंबर 404 में मृत तेंदुआ मिला था। मामलें में छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश के आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई थी।
वर्जन
शिकारियों पर नियंत्रण लगाने के लिए गश्त बढ़ाने का निर्देश दिया है। जिन बीट में अधिकांशता शिकारियों की चहल कदमी की जानकारी आती है, वहां कैमरों से निगरानी की जाएगी। मुखबिरों की मदद से संदेहियों पर नजर रखने का निर्देश वन अफसरों को दिया है, जिस वजह से लगातार शिकारियों पर कार्रवाई हो रही है।
अतुल शुक्ला, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ
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