scriptहरा सोना एकत्रित करने में छूटा वन विभाग का पसीना | Forest department sweats to collect green gold | Patrika News

हरा सोना एकत्रित करने में छूटा वन विभाग का पसीना

locationरायपुरPublished: Jun 16, 2020 07:35:23 pm

करीब 10 लाख 50 हजार बोरा ही हुआ संग्रहण, 16 लाख मानक बोरा तोड़ाई का लक्ष्य नहीं कर पाया पूरा

हरा सोना एकत्रित करने में छूटा वन विभाग का पसीना

हरा सोना एकत्रित करने में छूटा वन विभाग का पसीना

रायपुर. प्रदेश में वन विभाग द्वारा इस वर्ष 16 लाख 71000 तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन महीनेभर तक लगातार अभियान चलाने के बाद करीब 400 करोड़ रुपए का 10 लाख 50 लाख मानक बोरा ही संग्रहण कर पाया। जबकि विभागाीय अधिकारियों ने लक्ष्य से अधिक तेंदूपत्ता का संग्रहण किए जाने का दावा किया था। इसे पूरा करने के लिए सभी वनमंडलों को लक्ष्य दिया गया था। साथ ही सख्ती से साथ इसे पूरा किए जाने का निर्देश दिया था। इसे सभी संभागों में 15 मई से शुरू किया जाना था।
सबसे पहले इसकी शुरूआत माओवाद प्रभावित सुकमा, बीजापुर, बस्तर, नारायणपुर और गरियाबंद में शुरू हुई थी। लेकिन रायपुर, राजनांदगांव और सरगुजा संभाग में विलंब होने के कारण तोड़ाई प्रभावित हुई। वन विभाग ने बारिश शुरू होने के पहले ही तोड़ाई और संग्रहण को पूरा कर सुरक्षित स्थानों में रखने कहा था। पीसीसीएफ संजय शुक्ला ने बताया कि इस बार तेंदूपत्ता का संग्रहण कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन से काफी प्रभावित हुआ। असमय बारिश के चलते पत्ते भी खराब हो गए।
बेमौसम बारिश और कोरोना की मार

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए स्थानीय लोगों को माध्यम से तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा रहा था। लेकिन पर्याप्त संख्या में तोड़ाई करने वालों के नहीं होने से संग्रहण का काम धीमी गति से चल रहा था। वहीं बारिश और तूफान के चलते खराब हो चुके पत्ते संग्रहित किए जा रहे थे। इसे देखते हुए विभाग ने 7 जून को तोड़ाई बंद करवा दिया गया। बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहली बार स्थानीय वनवासियों के जरिए ही तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा रहा था। वहीं दूसरे राज्यों से आने वालों पर प्रतिबंध लगाया गया था। बता दें कि राज्य में तेंदूपत्ता का समर्थन दर 4000 रुपए मानक बोरा रखा गया है। इसके चलते दूसरे राज्यों के बिचौलिए भी सक्रिय हो गए थे।
साल बीज की खरीदी

वन विभाग ने तेंदूपत्ता के बाद अब साल बीज खरीदने में जुट गया है। विभाग द्वारा 20 करोड़ रुपए का करीब 2 लाख क्विंटल खरीदी करने का लक्ष्य रखा गया है। बताया जाता है कि स्थानीय संग्राहकों के जरिए इसकी खरीदी शुरू की गई है। अब तक करीब 100 क्विंटल साल बीज की खरीदी की जा चुकी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो