scriptपशु-पक्षी कारोबारियों की कुंडली 8 माह बाद भी नहीं बना पाए वन अफसर | Forest officials could not make horoscope of animal and bird traders | Patrika News

पशु-पक्षी कारोबारियों की कुंडली 8 माह बाद भी नहीं बना पाए वन अफसर

locationरायपुरPublished: Jan 25, 2020 09:48:40 pm

Submitted by:

mohit sengar

वन्यप्राणियों और उनके अंगों की तस्करी के बाद पीसीसीएफ ने दिए थे निर्देश, वन अधिकारियों ने ली रूचि

पशु-पक्षी कारोबारियों की कुंडली 8 माह बाद भी नहीं बना पाए वन अफसर

पशु-पक्षी कारोबारियों की कुंडली 8 माह बाद भी नहीं बना पाए वन अफसर,पशु-पक्षी कारोबारियों की कुंडली 8 माह बाद भी नहीं बना पाए वन अफसर,पशु-पक्षी कारोबारियों की कुंडली 8 माह बाद भी नहीं बना पाए वन अफसर,पशु-पक्षी कारोबारियों की कुंडली 8 माह बाद भी नहीं बना पाए वन अफसर

रायपुर। पशु-पक्षी बेचने की आड़ में प्रतिबंधित प्रजाति के पशु-पक्षियों का सौदा करने वाले कारोबारियों का चेहरा बेनकाब हो सके, इसलिए वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) ने इससे संबंधित कारोबारियों की जानकारी जुटाने का निर्देश दिया था।
यह निर्देश जून २०१९ में जारी किया था। आठ माह बाद भी राजधानी में पदस्थ वन विभाग के अधिकारी पशु-पक्षी कारोबारियों की जानकारी नहीं जुटा पाए है। अधिकारियों की इस अरुचि का लाभ कुछ पशु-पक्षी कारोबारी उठा रहे हैं। सूचना देने के बाद भी वन अधिकारी कारोबारी पर कार्रवाई तो दूर उनकी दुकान में झांककर तक नहीं देखते।
कारोबार करने के लिए लाइसेंस जरूरी
प्रदेश के पशु-पक्षी प्रेमियों की माने तो किसी भी पशु-पक्षी और जलीय जंतुओं की खरीद फरोख्त का कारोबार करने के लिए वन विभाग से लाइसेंस लेना जरूरी है। राजधानी में पशु-पक्षी का दो दर्जन से ज्यादा कारोबारी काम करते हैं।लेकिन दुकान का रजिस्ट्रेशन और कारोबार करने का लाइसेंस तीन या चार लोग के पास है। वन अफसर फील्ड में जांच नहीं करते है, जिस वजह से कारोबारी अवैध तरीके से दुकान का संचालन करके खुलेआम प्रतिबंधित पशु-पक्षी और जलीय जंतुओं का सौदा करते है। पूर्व में भी कई कारोबारी प्रतिबंधित पक्षी, कछुआ और वन्य प्राणियों के अंगों के साथ राजधानी में गिरफ्तार हो चुके है।
पेट शॉप रूल्स 2018 का पालन नहीं
भारत सरकार के पेट शॉप रूल्स 2018 के तहत देश भर में पक्षी, कुत्ता, बिल्ली, चूहा जैसे पालतू पशु का व्यापार करने के लिए वाइल्ड लाइफ बोर्ड से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इस नियम को राजधानी समेत प्रदेश के कारोबारी पालन नहीं कर रहे है। इस नियम का सख्ती से पालन करवाने में विभागीय अधिकारी भी रूचि नहीं दिखा रहे है। प्रदेश में पेट शॉप रूल्स का पालन हो इसलिए जून २०१८ में तत्कालीन पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने कारोबारियों की जानकारी जुटाने और उनका रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया था।
इन इलाकों में चल रहा कारोबार
फाफाडीह, कटोरा तालाब, शंकर नगर, न्यू राजेंद्रनगर, फूल चौक, आश्रम, शैलेंद्रनगर, संतोषी नगर, खमतराई, पंडरी और तेलीबांधा इलाके में पशु-पक्षी और जलीय जंतुओं को बेचने का काम चल रहा है। ये सभी इलाके वन विभाग के ऑफिस से मात्र ५ से १० किमी दूर है, लेकिन आज तक इन इलाके की दुकानों में वन अफसरों ने जांच नहीं की है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो