शिवशंकर भट्ट के बयान दर्ज करवाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने अपनी बात कही है। डॉ रमन सिंह ने कहा कि दंतेवाड़ा उपचुनाव को मद्देनजर रखते हुए सबसे पहले भीमा मंडावी की हत्या को न्यायिक जांच के प्रस्तुत होने के पूर्व ही हत्या के राजनीतिक मामले को सामान्य घटना के रूप में प्रसारित किया गया है। यह घटना उसी दिन की है जब दंतेवाड़ा उपचुनाव के लिए नामांकन फार्म भरना था, उसी दिन न्यायिक जांच की रिपोर्ट आई और उस रिपोर्ट में इस हत्या को सामान्य घटना बताया गया।
दूसरी घटना अंतागढ़ प्रकरण में राजनीतिक षडयंत्र एवं दबावपूर्वक मंतूराम पवार से शपथपत्र दिलवाया है। जिसमें पवार द्वारा पूर्व में हाईकोर्ट में याचिका में दिए गए शपथपत्र के एकदम विपरित बयान दर्ज कराया गया है। इस मामले में सरकार ने सत्ता का दुरूपयोग करते हुए बलपूर्वक राजनीतिक षड्यंत्र रचा है।
तीसरा प्रकरण नान घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट जो चार साल जेल में गुजार चुका है। इसके पहले भी यह पहले भी जेल में रह चुका है। इसने भाजपा की छवि को धूमिल करने की कोशिश है। इसमें छत्तीसगढ़ की सरकार मुरजिमों का संरक्षण कर रही है और उनका सहारा लेकर भाजपा की छवि को खराब करने की कोशिश कर रही है।
साथ ही रमन सिंह ने कहा कि भाजपा के सारे लेन देन चेक के माध्यम से किए जाते हैं और हर साल चेक से किए गए लेन देन का ऑडिट भी किया जाता है। यहां पर कभी भी किसी अन्य माध्यम से पैसे का लेन देन नहीं किया जाता है। ये सारी बातें नान घोटाले के मुख्य आरोपी को बचाने के लिए किया जा रहा है। इसलिए नान घोटाले में सरकार द्वारा एसआईटी का गठन भी किया गया है।