रमन ने कहा, आज से 18 महीने पहले जव जन घोषणा पत्र जारी किया गया, तो उस समय मुख्यमंत्री के पास वो सब था, जिसके बारे में इनकार कर रहे हैं। उस समय उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि झीरम के सबूत उनके पास है। नव युवकों को बेरोजगार भत्ता देने का ब्लू प्रिंट उनके पास है। उन्होंने यह भी कहा था कि शराबबंदी कैसे की जा सकती है उसका पूरा रोड मैंप बनाकर रखा गया है। 2500 रुपए युवकों को बेरोजगारी भत्ता कैसे देंगे, इसकी कार्ययोजना उनके पास है। रमन ने कहा, जब जनघोषणा पत्र जारी हो रहा था तो इन सब के बारे में सार्वजनिक रूप से बोला करते थे कि, उनके पास सारे काम तत्काल लागू करने का ब्लू प्रिंट बनाकर रखा है। अब 18 महीने निकलने के बाद इन सब बातों से अलग होकर इनकार कर रहे हैं। रमन ने सवाल पूछा कि अब सरकार समय रहते इन योजनाओं का क्रियान्वयन क्यों नहीं कर रही है। इंतजार करते-करते युवा आत्हत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। आज सबके मन में केवल यह बात है कि सरकार ने उनके साथ छल किया है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन की क्षमता सरकार के पास नहीं है।
कांग्रेस बोली- डेढ़ साल में 36 में से 22 वादे पूरे
रमन के ट्वीट पर कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, वादा खिलाफी का लम्बा रेकॉर्ड बनाने वाले रमन सिंह किस नैतिकता से कांग्रेस सरकार से मात्र डेढ़ साल में ही वायदों का हिसाब मांग रहे है । कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डेढ़ साल में अपने जन घोषणा पत्र के 36 वायदों में से 22 वायदों को पूरा कर दिया है। कांग्रेस की सरकार को पांच साल के लिए जनादेश मिला है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के जनघोषणा पत्र में पांच साल कार्यकाल में पूरा करने के लिए वायदा किया था आने साढ़े तीन सालों में कांग्रेस की सरकार अपने सारे वायदों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।