माना जा रहा है कि ओपी चौधरी के भाजपा में प्रवेश के बाद कांग्रेस ने विरोधी दल को जवाब देने के लिए पूर्व कलेक्टर आरपीएस त्यागी को पार्टी में शामिल किया है। दो अधिकारियों के राजनीति में प्रवेश के बाद यह भी कयास लगाया जा रहा है कि कुछ और बड़े ओहदेदार प्रशासनिक अफसर अपने वातानुकूलित कमरों में बैठ कर योजना बनाने के बजाए जनता के बीच काम करने का मन बना रहे हैं।
इससे पहले रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी नौकरी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। ओपी ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री रमन सिंह की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। आपको बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2005 बैच के अफसर रहे ओपी चौधरी ने 25 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
सुर्खियों में आए ओम प्रकाश चौधरी
ओम प्रकाश चौधरी उस वक्त सुर्खियों में आ गए जब उनके भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरें सामने आईं। कलेक्टर चौधरी से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस बारे में पेशकश मिली थी, लेकिन इस मामले में चौधरी ने काफी विचार करने के बाद शनिवार को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग यानि डीओपीटी नई दिल्ली को अपना इस्तीफा भेजकर नौकरी छोड़ दी। उधर, आईएएस चौधरी के इस्तीफे की खबर से यह साफ हो गया है कि वे विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे।युवाओं को साधने की रणनीति
बताया जाता है कि ओपी चौधरी के बहाने भाजपा नए मतदाताओं को साधने की रणनीति बना रही है। यही वजह है कि चौधरी के रायपुर आने वाले उनके स्वागत की जिम्मेदारी युवा मोर्चा को दी गई है। पार्टी सूत्रों का पार्टी चौधरी की स्वच्छ और ऊर्जावान छबि का भुनाने के लिए पूरा प्रयास करेंगी।