कॉन्फ्रेंस में उन्होंने टिकरापारा में हुए दो युवतियों की हत्या की बात भी कही । बताया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था 11 महीनों में लचर हो गई है। कही कोई नियंत्रण नहीं है। आईजी से लेकर थानेदार तक को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है। किसी को जिम्मेदारी समझ नहीं आ रही। बलात्कार की 891 घटनाएं हुई है। अकेले राजधानी में 200 घटनाएं हुई है। 20 फीसदी घटनाएं सिर्फ राजधानी में हो रही है जहां पूरी सरकार बैठी है। वहां ऐसी घटनाएं होना ये राज्य के लिए चिंता की बात है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशीली दवाओ का कारोबार शुरू हो गया। कोयला – रेत माफियाओं का दखल बढ़ गया है। अब धान माफिया शुरू हो गए हैं। माना इलाके में महिला और बच्चे की हत्या कर जला दिया गया, कोरबा में हसिया से वार कर हत्या कर दी गई। बलौदाबाजार में दो नाबालिग से गैंगरेप हुआ। पेंड्रा-गौरेला में 16 साल की बच्ची से नशे में धुत्त व्यक्ति दरिंदगी करता है। मरवाही में युवती के साथ दुष्कर्म होता है। राजनांदगांव के साल्हेगेरा में युवती का अपहरण कर चार युवक गैंगरेप कर उसी के दुप्पटे से गला घोंटकर मार डालते हैं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि पूरा देश हैदराबाद और उन्नाव की घटना का जिक्र कर रहा है, इस बीच छत्तीसगढ़ का हाल बेहाल है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। बहुत सारे आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं करने की वजह से जमानत हो जाती है। थानों में मौत के मामले बढ़ रहे हैं।
ऐसी घटनाओं को लेकर युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय शर्मा, महिला मोर्चा अध्यक्ष पूजा विधानी, अनुराग अग्रवाल की टीम बनाई है। प्रदेश भर की घटनाओं की फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट बनाएंगे। हम सरकार से मांग करते हैं कि राजनीति का काम कांग्रेस संगठन पर छोड़ दे और सरकार में जो लोग बैठे हैं वे लोग सिर्फ सरकार चलाएं। ये घटनाएं सरकार के लिए चुनौती है। यदि सरकार इस पर नियंत्रण नहीं करती है तो हम जनता से मांग करेंगे कि सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे।