सवाल यह भी है कि क्या 51 दिन बाद तक लिए गए सैंपलों में वायरस मौजूद रह सकता है? विशेषज्ञों का जवाब है, नहीं। रिपोर्ट आने के बाद चारों पॉजिटिव (दो महिला, दो पुरूष) श्रमिकों के 10 जुलाई को दोबारा सैंपल लिए गए। १३ जुलाई को ये चारों एक बार फिर पॉजिटिव पाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, विशेषज्ञों की मानें तो ये कोरोना के डेड वायरस हो सकता है। वायरस नष्ट होने के बाद भी शरीर के अंदर लंबे समय तक रह सकते हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता डॉ. सुभाष पांडेय का कहना है कि इन संक्रमित मरीजों से दूसरों को संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता।
हां, एहतियात के तौर पर निगरानी जरूरी है। इसके पहले भी रायपुर से लगे खरोरा में बीएसएफ के चार जवान 15 दिन बाद दोबारा टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। इन्हें अस्पताल में भर्ती न करवाकर क्वारंटाइन किया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस 14 दिन तक हमारे शरीर के अंदर रहता है, इसलिए 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड तय किया गया है।