रायपुर

रायपुर में बनेगा देश का चौथा बड़ा जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क, ये होंगी खूबियां

रायपुर में बनने वाला जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क मुम्बई, कोलकाता और सूरत के बाद देश का चौथा बड़ा जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क होगा।

रायपुरNov 26, 2019 / 01:57 pm

Ashish Gupta

रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा है कि राजधानी रायपुर में बनने वाला जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क (James and Jewellery Park) मुम्बई, कोलकाता और सूरत के बाद देश का चौथा बड़ा जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क होगा। यह पार्क अपने आप में अनूठा तथा देश और दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
मुख्यमंत्री मंगलवार यहां सराफा बाजार के महावीर भवन में रायपुर सराफा एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इसके पहले सदर बाजार स्थित ऋषभ देव मंदिर में पूजा कर प्रदेश की सुख समृद्धि की खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पार्क का निर्माण रायपुर के पुरानी गंज मंडी में लगभग दस लाख वर्ग फीट में किया जाएगा। इसमें दस मंजिलें होंगी और दो हजार दुकानें बनेगी। यह भवन सर्वसुविधा युक्त होगा और यहां सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। बघेल ने कहा कि इस भवन के डिजाइन के लिए सराफा एसोसिएशन से भी विचार विमर्श किया गया है।
छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास निगम के अधिकारियों को जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क के अध्ययन के लिए कोलकाता भेजा गया है। इसके बाद उन्हें मुम्बई भी भेजा जाएगा, ताकि रायपुर में बनने वाले पार्क की गुणवत्ता एवं सुविधाओं में कोई कमी न रहे। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन द्वारा किए गए आत्मीय अभिनन्दन के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने समारोह में उपस्थित सभी लोगों को संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरक मालू ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री से 13 नवम्बर को मिलकर रायपुर में जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क स्थापना का आग्रह किया गया था। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 15 नवम्बर को आयोजित केबिनेट की बैठक में पार्क स्थापना की मंजूरी प्रदान कर दी गई। मालू ने कहा कि जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क बनने से छत्तीसगढ़ के कारीगरों, रिफाइनरी, कटिंग और पॉलिसिंग का हब बनेगा, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
इस अवसर पर रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरक मालू सहित इंदरचंद धाड़ीवाल, जितेन्द्र बरलोटा, त्रिलोक बरडिय़ा, महेन्द्र कोचर तथा एसोसिएशन के अनेक पदाधिकारी, सदस्य मौजूद थे।
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