जबकि इस पर रोक लगाने के लिए प्राधिकरण प्रशासन ने 20 व 21 मई को प्रतिवेदन भेज कर जिला प्रशसन और पंजीयक को अवगत करा दिया था। इसके बावजूद भी उस पर रोक नहीं लगाई जा सकी। इसका फायदा खुलेआम बिल्डरर उठा रहे हैं।
इस मामले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने प्राधिकरण के क्षेत्र में आने वाले ग्राम मंदिर हसौद पटवारी हल्का नंबर 16, खसरा क्रमांक 823/1, 824/1,2 826/1, 827/1, 828, 829 निजी भूमि भू-स्वामित्व सुशीलचंद्र पगारिया के नाम पर दर्ज है। जो अटल नगर के मुख्य मार्ग एक्सप्रेस-वे लगकर स्थित है। यह क्षेत्र विकास योजना के ग्रीन बेल्ट तथा लेयर टू में स्थित महत्वपूर्ण क्षेत्र है। क्योंकि एक्सप्रेस- वे के दोनों ओर 100 मीटर ग्रीन बेल्ट निर्धारित है।
इसके साथ ही अटल नगर क्षेत्र के लेयर टू में कम से कम 30 हेक्टेयर से कम भूमि पर आवासीय कॉलोनी उपयोग हेतु एकीकृत उपनगर बनाया जाना स्वीकार नहीं है। न ही नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में लेआउट ही स्वीकृत कराया गया है। इसके बावजूद छोटे-छोटे प्लाट काटकर बेचा जा रहा है, जिस पर कड़ाई से रोक लगाई जाए। साथ ही उस रकबे की रजिस्ट्री पर पाबंदी लगाई जाए। इसके बावजूद ढिलाई बरती जा रही है।
खरीदी-बिक्री की जांच भी आगे नहीं बढ़ी
इसी तरह 21 मई को जिला प्रशासन और जिला पंजीयक को भेजे प्रतिवेदन में अटल नगर के ग्राम मंदिर हसौद पटवारी हल्का नंबर 16, खसरा क्रमांक 827/2, 826/3, 823/3 निजी भूमि भू-स्वामित्व भीखम चांडक पिता रामकिशन चांडक के नाम पर दर्ज है।
उक्त भूमि भी एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 100 मीटर ग्रीन बेल्ट तथा लेयर टू के दायरे में आती है। इसके साथ ही लेयर टू में 30 हेक्टेयर से कम भूमि पर आवासीय कॉलोनी नहीं बनाई जा सकती है। इसके बावजूद छोटे-छोटे प्लाट काटकर रजिस्ट्री कराए जाने का खेल चल रहा है।
जिला रजिस्ट्रार वीएस नायक का कहना है – अटल नगर विकास प्राधिकरण का प्रतिवेदन मिला है। जिन खसरा नंबर को जिक्र है उसकी रजिस्ट्री नहीं करने के लिए सभी उप-पंजीयक को पत्र लिखा है। इस मामले में सख्ती से पालन कराया जाएगा।