ऐसे ग्रामीणों को मुफ्त में चप्पल दिया गया। इस दौरान ग्रामीण आदिवासियों के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। हाथ में मुफ्त का चप्पल व जूता आते ही पहनकर चलने लगे। बैगा आदिवासी के बच्चों चप्पल पहनकर खेलने दौडऩे लगे। पढि़ए पूरी खबर..
नए कपड़े और चप्पल देख बच्चों के चेहरों पर मुस्कान बिखर गई। आज तक यह बच्चे केवल खुले पैर ही चलते थे, लेकिन अब उनकी तकलीफ दूर हो गई। बोड़ला से आठ किमी दूर बैगा-आदिवासी बाहुल्य ग्राम बावापथरा में नेकी की दुकान सजी। यह ऐसा दुकान है जहां पर कपड़े, जूते-चप्पल मुफ्त में मिलते हैं। यहां पर बड़ी संख्या में बच्चों के लिए कपड़े और जूते-चप्पल थे, जिन्हें वह अपने अनुसार रख लिए। बच्चों के अलावा बड़ों ने अपने लिए कपड़े रखे।
Read More News: नया नियम : अब बैंक में अकाउंट बंद करवाना आपको पड़ेगा महंगा, इसके लिए भी देना पड़ेगा GST बड़ी संख्या में सामग्री एकत्रित
शहर में युवाओं के एक पहल की। इसके चलते शहरभर के लोग जुड़ते जा रहे हैं। युवाओं ने मिलकर एक दुकान खोली जहां पर हर कर कपड़े, चप्पल, जूते, खिलौने दान कर सकता है। वहीं जिन्हें इन सामग्रियों की जरूरत हो वह ले जा भी सकते हैं।
Read More News: स्कूल से घर लौट रही 12वीं की छात्रा पर एसीड Acid Attack, बाईक पे सवार होकर आए थे दो युवक शहरवासियों ने ऐसी दरियादिली दिखाई कि दुकान में मौजूद पेटियां ही भर गए। जबकि जरूरतमंदों महिला, पुरुष, बुजुर्ग व बच्चों को कपड़े, जूते-चप्पल बांटे जा रहे हैं। इसके बाद भी बड़ी संख्या में सामग्री एकत्रित है। इसलिए गांव में जरूरतमंदों को वितरण करने विचार बनाया गया।