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घूमने गए थे बनारस घाट, जैसा देखा उसे हूबहू उतार दिया कै नवास पर

locationरायपुरPublished: Feb 21, 2020 01:05:08 am

Submitted by:

Yagya Singh Thakur

न्यू शांति नगर निवासी गोपालदास खैरागढ़ यूनिवर्सिटी में सेकंड ईयर के छात्र हैं। उन्हें बचपन से पेंटिंग में रुचि है। एक बार वे बनारस घाट गए थे।

घूमने गए थे बनारस घाट, जैसा देखा उसे हूबहू उतार दिया कै नवास पर

घूमने गए थे बनारस घाट, जैसा देखा उसे हूबहू उतार दिया कै नवास पर

रायपुर. संस्कृति विभाग स्थित आर्ट गैलरी में रंगों और कूची की कलाकारी नजर आई। बुधवार को एग्जीबिशन का आखिरी दिन था। यहां नवोदित और मंझे हुए कलाकारों ने अपना हुनर सजाया था। कई संदेशपरक पेंटिंग के साथ ही नेचर और थिकिंग को कैनवास पर उतारा है। ५० से ज्यादा पेंटिंग एेसी रहीं जिसमें हर निगाह ठहर गई। कलाप्रेमियों ने इसे करीब से निहारा। न्यू शांति नगर निवासी गोपालदास खैरागढ़ यूनिवर्सिटी में सेकंड ईयर के छात्र हैं। उन्हें बचपन से पेंटिंग में रुचि है। एक बार वे बनारस घाट गए थे। तबसे उनके दिलोदिमाग में वह नजारा कैद था जिसे वे कैनवास पर उतारना चाहते थे। इस एग्जीबिशन में उन्हें मौका मिला और १४ दिन की मेहनत से बनारस घाट का सुबह का दृश्य उतार दिया। गोपाल की ख्वाहिश है कि देश के जितने भी प्रसिद्ध घाट हैं उसे खूबसूरत अंदाज में पेश करें। इसकी शुरुआत वे छत्तीसगढ़ के प्रयागराज त्रिवेणी संगम राजिम से करना चाहते हैं।
अंकिता ने दिल और दिमाग के असमंजस को दिखाया
दुर्ग की रहने वाली अंकिता खैरागढ़ यूनिवर्सिटी से मास्टर प्रीवियस कर रही हैं। उन्होंने खुद पर एक्सपेरिमेंट करते हुए दिल और दिमाग के असमंजस को पेंटिंग के जरिए पेश किया है। अंकिता ने बताया, मैं जो भी फैसले लेती हूं वो दिल से लेती हूं। जिस जगह दिमाग की सुननी चाहिए वहां भी दिल के हिसाब से चलती हूं तो मुझे नुकसान होता है। दिल और दिमाग का कॉम्बीनेशन हो तो चीजें आसान होती हैं। इसी बात को मैंने पेंटिंग में प्रजेंट किया। इसमें दिल की तरफ अफेक्शन, ट्रस्ट, फीलिंग, लव, केयर, लॉस्ट, ब्रेन की साइड कंट्रेाल, नॉलेज, एकाग्रता, एम, पॉवर, थिंकिंग को प्वाइंट के जरिए दिखाया है।

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