‘ओनली फॉर अडल्ट’ लगाकर प्रस्तुति दें : आशीष राज
बतौर अतिथि शामिल हुए कवि आशीष राज सिंघानिया ‘तन्हा’ ने कहा कि समाज में स्टैंडअप कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता नहीं होनी चाहिए अगर ऐसा कोई कार्यक्रम होता है पहले ही बता दिया जाना चाहिए। ‘ओनली फॉर अडल्ट’ लगाकर प्रस्तुति होनी चाहिए। ये चीजें समाज में तभी है जब इसके सुनने वाले होते हैं। जो कर रहे हैं बताकर करें। मैं ऐसे मंचों से परहेज करता हूं जहां साहित्य के नाम पर अश्लीलता परोसी जाती है। तन्हा ने नई प्रतिभाओं को लेखन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने रचनात्मकता को मानव जीवन का महत्वूपर्ण स्तर बताया जिससे इंसान अपने अंदर की खीज, अकेलापन, भावनाएं या आक्रोश वे सारी चीजों को वह रचनाओं के माध्यम से बाहर निकालकर खुद को रिलेक्स कर सकता है। उन्होंने संस्था को बधाई दी कि नवोदित और शौकिया के साथ प्रोफेशनल लोगों को एक प्लेटफॉर्म दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार युवा अपनी भावनाओं पर कंट्रोल नहीं रख पाते, जिसका उन्हें ध्यान रखना चाहिए।
ओनली फॉर एडल्ट्स कहना पड़े : राही
कवि राजेश जैन राही ने कहा कि जब भी कोई कविता लिखें किसी वरिष्ठ साहित्यकार या कवि को अवश्य दिखा लें ताकि उसमें जो छोटी-मोटी अशुद्धि हो वह दूर हो जाए। आप जो भी लिखें साफ-सुथरा लिखें। शब्दों का चयन बेहतरीन हो। आपको अपनी प्रस्तुति से पहले ओनली फॉर एडल्ट्स कहना पड़े। राही ने कार्यक्रम के लिए आयोजकों को बधाई दी और कहा कि ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए इससे ऐसी लोगों को मंच मिलता है जो आगे साहित्य की दुनिया में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
इश्क अच्छा है, एकतरफा नहीं, इंसाफ करें क्या
दिन ठीक था, शाम अच्छी है रात करें क्या।बात है इनकी, बात अच्छी है बात करें क्या।
दिल की ख्वाहिश, मन के सपने, एहतियात करें क्या।
कुछ मिश्रे, चंद नज्मों-गजल, बरसात करें क्या।
इश्क अच्छा है, एकतरफा नहीं, इंसाफ करें क्या।
शरणदीप
मुल्क आज भी अंग्रेजों की गुलामी कर रहा होता
जहां सोएं चैन की नींद, न कोई ऐसा घर रहा होता।हर जाति-हर धर्म, तिल-तिल मर रहा होता। हर चढ़ा न होता भगत सिंह हंसते-हंसते फांसी पे
वर्ना ये मुल्क आज भी अंग्रेजों की गुलामी कर रहा होता।
पूरा भारत चीख रहा था, इंकलाब के नारे
अहिंसा की लाठी पर सब मार रहे थे देशद्रोह के जूतेमौन हुई लाठी, खामोश खड़े थे अहिंसा के रखवाले चाचा नेहरू भी न कुछ बोले, न बोले संविधान के रखवाले
पर पूरा भारत चीख रहा था, इंकलाब के नारे
इन्होंने भी दी प्रस्तुति
श्वेता, ऐश्वर्या सोनी, प्रिया दुबे, वैभवसिंह गौतम, ऐश्वर्या सोनवानी, पवन तिवारी, दिव्यांशु सिंह, शोएब अहमद, अंकित कुमार, रैपर अंकित, बबिता पटेल, शुभम यादव, रोशन कुमार, सुमित नायक, शिवांश मिश्रा, गोविंद अरोरा, यशवंत कुंजाम, फलेंद्र कुमार, प्रकाश मानिकपुरी, आलोक कुमार, सागर देशमुख, निशांत, सारिक, भूपेंद्र समेत 50 से ज्यादा युवाओं ने अपनी काबिलियत दिखाई