रायपुर

Ganesh Chaturthi 2021: इस गणेश चतुर्थी ब्रम्ह और रवि योग में करें गणपति की स्थापना, जानें पूजा विधि और मंत्र जाप

Ganesh Chaturthi 2021: समस्त देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणपति का हर साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है। इसीलिए हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी की आराधना की जाती है।

रायपुरSep 10, 2021 / 10:47 am

Ashish Gupta

Ganesh Chaturthi 2021: इस गणेश चतुर्थी ब्रम्ह और रवि योग में करें गणपति की स्थापना, जानें पूजा विधि और मंत्र जाप

रायपुर. Ganesh Chaturthi 2021: समस्त देवों में प्रथम पूज्य भगवान गणपति का हर साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है। इसीलिए हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी की आराधना की जाती है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद चतुर्थी पर लोग गणेश को अपने घर लाकर 10 दिनों तक उनकी आराधना तथा विधि-विधान से पूजनोपरान्त 11वें दिन अनंत चतुर्दशी पर धूमधाम के साथ उन्हें विसर्जित करते हैं। मान्यता है कि इन 10 दिनों के दौरान की गई पूजा बहुत फलदायी होती है।
गणपति स्थापना व पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 बजे से सूर्यास्त तक है। महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला ने बताया चतुर्थी तिथि के दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। शास्त्रों के अनुसार, गणपति बप्पा का जन्म दोपहर के समय हुआ था। इसीलिए इस दिन गणेश जी का पूजन दोपहर में करने का विधान है। सबसे पहले पूजास्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर लें। इसके बाद अब आप भगवान गणेश का आह्वान और मंत्रोच्चार करें। दोपहर के समय शुभ मुहूर्त में गणपति जी की प्रतिमा एक चौकी पर लाल कपड़े के ऊपर स्थापित करें।
विधि विधान से उनका पूजन करें और फिर उन्हें सिन्दूर और उनके सबसे प्रिय मोदक यानी लड्डू, पुष्प और 21 दूर्वा अर्पित करें। गणपति बप्पा को दूर्वा अर्पित करते समय ऊँ गणाधिपतये नम मंत्र का जाप करें। पूजा के बाद लड्डुओं का प्रसाद सभी लोगों में वितरित करें। इसी तरह 10 दिनों तक बप्पा की आराधना कर गणपति बप्पा का विसर्जन करें और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें।
10 सितम्बर को गणेश स्थापना से लेकर 19 सितम्बर अनंत चतुर्दशी तक तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर ब्रह्म, सर्वार्थसिद्धि, राजयोग, द्विपुष्कर, कुमार और रवियोग बन रहे हैं। इन शुभ संयोगों से सुख और समृद्धि बढ़ेगी।
10 सितंबर, शुक्रवार – ब्रह्म और रवि योग
11 सितंबर, शनिवार – सर्वार्थसिद्धि योग
12 सितंबर, रविवार – रवियोग
13 सितंबर, सोमवार – सर्वार्थसिद्धि
15 सितंबर, बुधवार – रवियोग
16 सितंबर, गुरुवार – रवियोग
17 सितंबर, शुक्रवार – कुमार योग , सर्वार्थसिद्धि योग
18 सितंबर, शनिवार – द्विपुष्कर योग, रवियोग
19 सितंबर, रविवार – रवियोग
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