हम भगवान गणपति, जिनके हाथी के दांत हैं और जो सर्वव्यापी है, उनको नमन करते हैं।
हम भगवान गणेश जी से प्रार्थना करते हैं कि हमें अधिक बुद्धि प्रदान करें और हमारे जीवन को ज्ञान से रोशन कर दें।
हम आपके सामने नतमस्तक होते हैं। इसी भाव से हजारों भक्त शनिवार को गणपति झांकी के दर्शन को उमड़े? रात 12 बजे जयस्तम्भ चौक पर मानों तिल धरने की जगह नहीं बची।
यह श्रृंखला रविवार की सुबह तक चलता रहा। शहर के शारदा चौक से जय स्तंभ चौक, मालवीय रोड़, सदर बाजार होते हुए झांकी महादेव घाट तक पहुंची।
शहर के शारदा चौक से जय स्तंभ चौक, मालवीय रोड़, सदर बाजार होते हुए झांकी महादेव घाट तक पहुंची।