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मानसून: भरे मानसून में घट रहा घटारानी का जल स्तर, मायूस लौटा रहा सैलानियों को पर्यटनस्थल

locationरायपुरPublished: Jun 29, 2022 03:56:54 pm

Submitted by:

CG Desk

मानसून में बारिश का न होना सभी के लिए चिंता का विषय है। झरने में पानी नहीं बहने से सैलानी खूबसूरत नजारे से वंचित हो मायूस लौट रहे है।

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राजिम. बरसात का मौसम शुरू हो चुका है,लोग बारिश के इस मौसम का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। प्रकृति के खूबसूरत नजारे को देखने के लिए लोग तरसते रहते हैं। वहीं मौसम ही दगा दे जाए तो कौन क्या कर सकता है। बारिश के मौसम में झरने का आनंद लेने के लिए काफी दूर-दूर से लोग जतमई और घटारानी पहुंचते हैं। झरने में घंटों नहाने का आनंद लेते हैं। करीब 80 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला झरना सैलानियों को अपनी और काफी आकर्षित करता है। वहीं प्रर्याप्त बारिश नहीं होने से लोगों में मायूसी छा गई है। मौसम की बेरुखी समझ से परे है।

गरियाबंद जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जतमई, घटारानी चिंगरा पगार में सैलानी झरने का लुफ्त उठाने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं झरने में पानी नहीं बहने से सैलानियों का उत्साह ठंडा पड़ता जा रहा है। इन धार्मिक व पर्यटन स्थलों में इस मौसम में हमेशा भीड़ नजर आती है। श्रद्धा व आस्था के इस केंद्र में माता रानी के मंदिर में श्रद्धालुओं के द्वारा चैत्र व क्वांर नवरात्रि में जतमई व घटारानी में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाते हैं। बताया जाता है कि 21 बहिनी में से दो बहन जतमई एवं घटारानी के रूप में विराजमान है।

घटा आने के कारण नाम पड़ा घटारानी
बताया जाता है कि आस-पास के गांव में बाद में घटा आती है। सबसे पहले घटारानी के स्थल पर घटा छा जाती है, पश्चात अन्य स्थलों पर बादलों की घटा दिखने लगती है। सबसे पहले घटा आने के कारण इस देवी का नाम घटारानी पड़ा। जब से घटारानी माता के दरबार में भक्तों का रेला लगा है तब से लेकर क्षेत्र में समृद्धि आई है। गरियाबंद जिला ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ से प्रतिदिन सैकड़ों की तादात पर श्रद्धालु पहुंचते हैं।

राजिम से 35 किमी की दूरी पर विराजमान
शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर दोनों देवी धाम स्थापित है। राजधानी रायपुर से 80 किलोमीटर की दूरी टाइट करने पर पहुंचा जा सकता है। यहां तक पहुंचने के लिए प्राइवेट वाहन ज्यादा उपयुक्त है। करने के लिए जिला मुख्यालय गरियाबंद एवं प्रयाग नगरी राजिम में प्राइवेट लॉज होटल एवं धर्मशाला मिल जाते हैं।

चट्टान के खोह में जतमई विराजमान
तौरेंगा बांध के ऊपर में चट्टानों की खोह पर देवी जतमई माता विराजमान है। यही स्थल अत्यंत रमणीय है। प्रतिदिन दर्शनार्थी यहां देवी दर्शन के साथ ही पिकनिक मनाने के लिए भी आते हैं जंगलों की आबोहवा लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है। जतमई में बरसात के दिनाें में श्रद्धालुआें की भीड़ बढ़ जाती है।

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