खाद्य अधिकारियों को दिए तैयारी के निर्देश
खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा द्वारा खाद्य विभाग की समीक्षा की गई। इस दौरान खाद्य अधिकारियों को राज्य के हर जिले में जिला प्रशासन की मदद से मॉडल राशन दुकान शुरू करने के लिए आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए गए। इस बैठक में उपभोक्ताओं को शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, दूरसंचार विभाग, ऑयल कंपनियों और नागरिक आपूर्ति निगम की तरफ से विस्तृत जानकारी दी गई।
इस दौरान खाद्य विभाग के संचालक सत्यनारायण राठौर ने कहा, उचित मूल्य की दुकानों के संचालन को आर्थिक रूप से अधिक लाभदायक बनाने की आवश्यकता है। इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, दूरसंचार विभाग, ऑयल कंपनियों और नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा दिए गए सुझाव के मुताबिक इन दुकानों में नई योजनाएं लागू की जाएंगी।
दुकान संचालकों का भी होगा फायदा
जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में 13 हजार 655 राशन दुकानों का संचालन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत होता है। इन राशन दुकानों में अभी चावल, चना, गुड़, शक्कर और नमक आदि का वितरण होता है। इन दुकानों पर अब मॉडल दुकान योजना के तहत दूसरी उपभोक्ता सामग्री और घरेलू उपयोग की चीजें भी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी। ऐसा करने से दुकान संचालकों का भी फायदा होगा। राशन का पूरा सामान एक ही दुकान में मिल जाएगा तो लोगों को भी सुविधा होगी।
इम्पैनल्ड आपूर्तिकर्ता पहुंचाएंगे सामान
खाद्य विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली की इन सरकारी दुकानों पर दूसरी किराना सामग्री उपलब्ध कराने के लिए निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं को इम्पैनल्ड किया जाएगा। इम्पैनल्ड आपूर्तिकर्ता विभाग से तय अनुबंध के तहत दुकानों में सामान पहुंचाएंगे। खाद्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 72 लाख 58 हजार 241 राशनकार्ड हैं। इन राशनकार्ड से दो करोड़ 62 लाख 14 हजार 915 लोग जुड़े हुए हैं। इसका अर्थ यह है कि मॉडल राशन दुकानों को एक बड़ा उपभोक्ता वर्ग मिल जाएगा।