रायपुरPublished: Aug 08, 2022 07:17:11 pm
CG Desk
नेवई टीआई ममता अली शर्मा ने बताया कि रिसाली प्रगति नगर निवासी केशव शर्मा बीएसपी ठेकेदार के अंडर में सुपरवाइजर है। उसने बताया कि बेटी अदिति शर्मा (16 वर्ष) मैत्री निकेतन स्कूल में 9 वीं कक्षा की छात्रा है। दोपहर करीब 3 बजे वह घर लौटा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में क्राइम रेट लगातार बढ़ते ही जा रहा है। अपराध के ग्राफ में नाबालिग बच्चों की मृत्यु की संख्या भी अधिक है। एक सप्ताह में दो स्टूडेंट की सुसाइड की खबर सामने आई है। कहीं से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। जिससे पुलिस मौत का कारण बता पाने में असमर्थ है। हाल ही में भिलाई के रिसाली निवासी एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। घटना नेवई पुलिस थाना क्षेत्र की है।
कक्षा 9 वीं की छात्रा ने अपने स्टडी रूम में दुपट्टा को फंदा बनाकर फांसी लगी ली। ड्यूटी से उसके पिता जब घर पहुंचे तो कमरे में बेटी को फंदे पर लटके देखकर अवाक रह गए। फंदे का काटकर उसे नीचे उतारा। उसकी सांसे थम चुकी थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मॉच्युरी भेजा। नेवई टीआई ममता अली शर्मा ने बताया कि रिसाली प्रगति नगर निवासी केशव शर्मा बीएसपी ठेकेदार के अंडर में सुपरवाइजर है। उसने बताया कि बेटी अदिति शर्मा (16 वर्ष) मैत्री निकेतन स्कूल में 9 वीं कक्षा की छात्रा है। दोपहर करीब 3 बजे वह घर लौटा। बच्ची को आवाज लगाई। कोई आहट नहीं हुई। तब वह बेटी के स्टडी रुम में गया। देखा तो अदिति पंखे से लटक रही थी। मौके से सुसाइडल नोट नहीं मिला।
पुलिस ने घटना स्थल की पूरी तलाशी ली। कहीं से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि अदिति का मोबाइल पिछले 15 दिनों से खराब था। इससे वह काफी परेशान थी। पुलिस का कहना है कि मात्र मोबाइल खराब होना खुदकुशी का कारण नहीं हो सकता है। अदिति के जाने से घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस का कहना है कि अंतिम संस्कार के बाद वह आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए परिजनों व उसके दोस्तों और रिश्तेदारों से पूछताछ करेगी।
5 दिनों में स्टूडेंट के सुसाइड का दूसरा मामला
दुर्ग जिले में 5 दिनों में नाबालिग स्टूडेंट की खुदकुशी करने का यह दूसरा मामला है। पांच दिन पहले रिसाली सेक्टर में ही ग्रीन वैली में रहने वाले वेदांशु ठाकुर ने खुदकुशी कर ली थी। इस तरह की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं। पुलिस मनोवैज्ञानिक तरीके से भी इसका पता लगाएगी।