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400 स्कूलों में सेनेटरी नेपकीन मशीन नहीं, छात्राएं बोली – उन दिनों नहीं हो पाती पढ़ाई

locationरायपुरPublished: Apr 22, 2018 03:54:17 pm

पीरियड्स के दौरान छात्राओं को स्कूल में भारी परेशानी होती है

CG News
रायपुर . अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन देखने के बाद सबकी सोच बदली थी। सरकार ने इसके बाद शुचिता योजना के तहत देशभर के स्कूलों में सेनेटरी नेपकीन मशीन लगाने की घोषणा की थी। इस योजना में छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला पिछड़ रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक 600 स्कूलों में सेनेटरी नेपकीन की वेंडर मशीन लगाने का लक्ष्य है। लेकिन अब तक सिर्फ 200 स्कूलों में मशीन लगाई जा चुकी है। एेसे में अन्य छात्राओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

छात्राओं की समस्या बढ़ी
शुचिता योजना के तहत जिले के सभी 604 माध्यमिक, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल में सेनेटरी नैपकिन की वेंडर मशीन लगाया जाना है, जिसमें से अब तक करीब 2 सौ स्कूलों की छात्राओं को ही इसका लाभ मिल रहा है। वेंडर मशीन की सुविधा नहीं होने से शेष स्कूलों में छात्राओं की समस्या भी बढ़ गई है।

उल्लेखनीय है कि पीरियड्स के दौरान छात्राओं को स्कूल में भारी परेशानी होती है। इसलिए अधिकांश छात्राएं तो स्कूल आना ही बंद कर देती हैं। उनकी इस दिक्कत को देखते हुए शासन ने शुचिता योजना शुरू की है, जिसके तहत स्कूल में ही वेंडर मशीन के माध्यम से सेनेटरी नेपकिन छात्राओं को उपलब्ध कराना है। धमतरी जिला इस मामले में अभी पिछड़ा हुआ है।
यहां ४४५ माध्यमिक, ५२ हाई और १०७ हायर सेकेंडरी स्कूल है। वेंडर मशीन लगाने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग को दी गई है। अधिकारियों ने कुछ स्कूलों में यह मशीन लगाकर खानापूर्ति कर दी है। अभी भी ४ सौ स्कूलों में सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
मार्केट से काफी सस्ती
महिला एवं बाल विकास विभाग की मानें तो सेनेटरी नेपकिन दुकानों में काफी महंगा है, लेकिन स्कूलों में उपलब्ध नेपकिन बहुत सस्ता है और इसकी क्वालिटी भी अच्छी है। मशीन में २ का सिक्का डालने से नेपकिन उपलब्ध हो जाता है।
दो स्कूलों में वेंडर मशीन लगा दिया गया है। शेष स्कूलों में भी इसे लगाया जाएगा।
हरीकिर्तन राठौर, अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग

इसलिए है जरूरी
शिक्षिकाओं की माने तो स्कूल में पढ़ाई के दौरान पीरियड्स आ जाने से छात्राएं मुश्किल में पड़ जाती है। ऐसी स्थिति में उन्हें मजबूरी में छुट्टी लेकर घर जाना पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। इसलिए शत-प्रतिशत स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग से कामन रूम बनाकर वेंडर मशीन लगाना अनिवार्य हो गया है, जिस पर संबंधित अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।

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