जानकारी के मुताबिक 3695 करोड़ रुपए के घोटाले में सीबीआई जल्द ही बगडिय़ा ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड से पूछताछ कर सकती है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एजेंसी घोटाले के इस गंभीर मामले में बगडिय़ा ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों और विक्रम कोठारी को आमने-सामने भी कर सकती है ।
लौह अयस्क के गैर कानूनी निर्यात का लगा था आरोप : कर्नाटक के तत्कालीन लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने राज्य के बहुचर्चित खनन घोटाले में बगडिय़ा ब्रदर्स पर अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि 28 जुलाई 2010 को राज्य की येदुरप्पा सरकार में प्रतिबन्ध के बावजूद जिन 83 कंपनियों ने गैरकानूनी तौर तरीकों से लौह अयस्क का निर्यात किया था, उनमे बगडिय़ा ब्रदर्स की कंपनी भी शामिल थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि एमवी आयरीन नामक समुद्री जहां से कंपनी के द्वारा लौह अयस्क का निर्यात किया गया था। गोवा में भी 2014 के दौरान बगडिय़ा ब्रदर्स पर खनिज एवं भूगर्भ निदेशालय के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के साथ बिना रायल्टी चुकाए 40,765 मीट्रिक टन लौह अयस्क चीन को निर्यात करने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। कहा जा रहा था कि बगडिय़ा ब्रदर्स की के वजह से माइनिंग विभाग को 59 लाख रुपयों का नुकसान हुआ। बगडिय़ा ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड की वित्तीय कामकाज को देखने वाले एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गोवा के माइनिंग घोटाले में उन्हें क्लीनचिट मिल चुकी है वो पूरी तरह से निर्दोष साबित हुए हैं।
लौह अयस्क के गैर कानूनी निर्यात का लगा था आरोप : कर्नाटक के तत्कालीन लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने राज्य के बहुचर्चित खनन घोटाले में बगडिय़ा ब्रदर्स पर अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि 28 जुलाई 2010 को राज्य की येदुरप्पा सरकार में प्रतिबन्ध के बावजूद जिन 83 कंपनियों ने गैरकानूनी तौर तरीकों से लौह अयस्क का निर्यात किया था, उनमे बगडिय़ा ब्रदर्स की कंपनी भी शामिल थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि एमवी आयरीन नामक समुद्री जहां से कंपनी के द्वारा लौह अयस्क का निर्यात किया गया था। गोवा में भी 2014 के दौरान बगडिय़ा ब्रदर्स पर खनिज एवं भूगर्भ निदेशालय के अधिकारियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के साथ बिना रायल्टी चुकाए 40,765 मीट्रिक टन लौह अयस्क चीन को निर्यात करने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। कहा जा रहा था कि बगडिय़ा ब्रदर्स की के वजह से माइनिंग विभाग को 59 लाख रुपयों का नुकसान हुआ। बगडिय़ा ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड की वित्तीय कामकाज को देखने वाले एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गोवा के माइनिंग घोटाले में उन्हें क्लीनचिट मिल चुकी है वो पूरी तरह से निर्दोष साबित हुए हैं।
35 हजार करोड़ के गोवा माइनिंग घोटाले पर शाह कमीशन की रिपोर्ट में भी है बगडिय़ा ब्रदर्स का नाम
कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त की रिपोर्ट में भी कंपनी का नाम शामिल बगडिय़ा के साथ रिश्तों को लेकर विक्रम खामोश, सीबीआई जल्द कर सकती है कंपनी के निदेशकों से पूछताछ
कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त की रिपोर्ट में भी कंपनी का नाम शामिल बगडिय़ा के साथ रिश्तों को लेकर विक्रम खामोश, सीबीआई जल्द कर सकती है कंपनी के निदेशकों से पूछताछ
शाह कमीशन के निशाने पर रहे बगडिय़ा ब्रदर्स बगडिय़ा ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम 35000 करोड़ के गोवा माइनिंग घोटाले की जांच के दौरान सामने आया था। गोवा माइनिंग घोटाले की जांच कर रहे शाह कमीशन की रिपोर्ट में बगडिय़ा ब्रदर्स का नाम चीन को भेजे गए लौह अयस्क में अंडर इन्वायासिंग करने वाले कंपनियों के साथ रखा गया है। अक्टूबर 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने भी केस दर्ज करके जिन 16 कंपनियों को इस घोटाले की जांच हेतु सम्मन भेजा था उनमे भी बगडिय़ा ब्रदर्स का नाम शामिल था।
बगडिया ब्रदर्स बोले
विक्रम कोठारी से सिर्फ व्यावसायिक थे रिश्ते
रो टोमैक के साथ रिश्तों को लेकर चर्चित बगडिय़ा ब्रदर्स के बारे में सीबीआई ने विक्रम कोठारी से पूछताछ की है लेकिन विक्रम कोठारी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। रायपुर के बगडिय़ा ब्रदर्स पर सीबीआई के एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई ने कहा है कि निर्यात और आयात के फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंकों को ठगने में बगडिय़ा ब्रदर्स ने विक्रम कोठारी की कंपनी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड की मदद की थी। बगडिय़ा ब्रदर्स से जुड़े लोगों से जब पत्रिका ने विक्रम कोठारी के रिश्तों के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि विक्रम कोठारी से केवल व्यावसायिक रिश्ते थे वो हमसे गेंहू खरीदते थे। यह भी बताया गया कि ईडी द्वारा विगत दो सालों में रोटोमैक के साथ व्यावसायिक लेन देन को लेकर जो दस्तावेज मांगे गए थे,वो उन्हें उपलब्ध करा दिए गए हैं ।
विक्रम कोठारी से सिर्फ व्यावसायिक थे रिश्ते
रो टोमैक के साथ रिश्तों को लेकर चर्चित बगडिय़ा ब्रदर्स के बारे में सीबीआई ने विक्रम कोठारी से पूछताछ की है लेकिन विक्रम कोठारी ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। रायपुर के बगडिय़ा ब्रदर्स पर सीबीआई के एफआईआर में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई ने कहा है कि निर्यात और आयात के फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैंकों को ठगने में बगडिय़ा ब्रदर्स ने विक्रम कोठारी की कंपनी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड की मदद की थी। बगडिय़ा ब्रदर्स से जुड़े लोगों से जब पत्रिका ने विक्रम कोठारी के रिश्तों के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि विक्रम कोठारी से केवल व्यावसायिक रिश्ते थे वो हमसे गेंहू खरीदते थे। यह भी बताया गया कि ईडी द्वारा विगत दो सालों में रोटोमैक के साथ व्यावसायिक लेन देन को लेकर जो दस्तावेज मांगे गए थे,वो उन्हें उपलब्ध करा दिए गए हैं ।
गोवा में एसआईटी द्वारा कराई गई जांच में हमें क्लीन चिट मिल चुकी है। एसआईटी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है, जहां तक रोटोमैक का सवाल है वो किस खाते से पैसे भेज रहे हैं किससे नहीं, यह हमें कैसे पता होगा ?
बगडिय़ा ब्रदर्स
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