script‘गोधन’ ने बना दी जोड़ी, गोबर बेचकर हुई कमाई तो शादी में आ रही रुकावट दूर | 'Godhan' made a pair, earning money by selling cow dung removes obstac | Patrika News

‘गोधन’ ने बना दी जोड़ी, गोबर बेचकर हुई कमाई तो शादी में आ रही रुकावट दूर

locationरायपुरPublished: Jun 29, 2022 06:23:44 pm

Submitted by:

santram sahu

युवक की मेहनत देखकर परिजन प्रभावित

'गोधन' ने बना दी जोड़ी, गोबर बेचकर हुई कमाई तो शादी में आ रही रुकावट दूर

‘गोधन’ ने बना दी जोड़ी, गोबर बेचकर हुई कमाई तो शादी में आ रही रुकावट दूर

रायपुर.
कुछ वर्ष पहले एक फिल्म आई थी रब ने बना दी जोड़ी, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब लोग कह रहे हैं गोधन योजना ने बना दी जोड़ी। दरअसल कोरिया में एक युवक की शादी की रुकावट गोबर बेचने से ही दूर हुई है और गोबर बेचने से हो रही कमायी को देखकर ही उसकी शादी हो गई। किस्सा कोरिया जिला के मनेन्द्रगढ़ के रहने वाले श्याम जायसवाल का है। श्याम ने यह गोबर बेचने से हुई आमदनी के बाद शादी तय होने तक का रोचक किस्सा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान बयां किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज भेंट-मुलाकात की कड़ी में कोरिया जिला के पाराडोल पहुंचे थे। ग्रामीणों से चर्चा के दौरान जब बात गोधन न्याय योजना को लेकर छिड़ी तो मुख्यमंत्री से भेंट-मुलाकात करने पहुंचे श्याम कुमार जायसवाल ने गोधन न्याय योजना से उनकी जिंदगी में आए बदलाव को लेकर रोचक किस्सा साझा किया। श्याम कुमार ने बताया कि गोधन न्याय योजना की वजह से ही उनकी शादी की रुकावट दूर हुई और उन्हें जीवनसंगिनी मिली। दरअसल पशुपालन करने वाले श्याम कुमार की आमदनी पहले बहुत-कम थी। उन्होंने दूध डेयरी का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन दूध से जितनी आमदनी होती थी उससे बमुश्किल आजीविका चल पाती थी। पहले मवेशियों का गोबर व्यर्थ ही था। गोधन न्याय योजना लागू होने के बाद उन्होंने गोबर बेचना शुरू किया। श्याम कुमार अब तक दो लाख पांच हजार किलोग्राम गोबर बेच चुके हैं, जिसके एवज में उन्हें चार लाख 10 हजार रुपए की आमदनी हुई है। श्याम कुमार ने कहा कि, यह योजना से उनके लिए अतिरिक्त आय का जरिया बना।
शुरू हुई नई जिंदगी:
श्याम कुमार ने बताया कि गोबर बेचने से हुई आमदनी से पहले उन्होंने कुछ और गौवंश खरीदे, जिससे ज्यादा गोबर प्राप्त हो सके और उन्हें बेचकर उनकी आमदनी में इजाफा हो। वहीं गोबर बेचने से हुई आमदनी से उन्होंने मवेशियों के लिए शेड बनवाया। लगातार हो रही आमदनी से श्याम कुमार आर्थिक रूप से इतने सक्षम हो गए कि उन्होंने अपने भाई के बच्चों का दाखिला अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में कराया। श्याम कुमार ने कहा, गोधन न्याय योजना से मेरे जीवन में जो सकारात्मक बदलाव आया है, उसके लिए मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।
युवक की मेहनत देखकर परिजन प्रभावित :
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में पति श्याम कुमार से साथ पहुंची उनकी अर्धांगिनी अंजू ने बताया कि पेशे से वे नर्सिंग स्टॉफ हैं। उनके विवाह को लेकर चर्चा चल रही थी, इस बीच परिजनों को श्याम कुमार से बारे में जानकारी मिली कि वे गोबर बेचकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं, साथ ही अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए भी मेहनत कर रहे हैं। इससे प्रभावित होकर अंजू के परिजन बेटी की ब्याह गोबर बेचने वाले श्याम कुमार से कराने के लिए राजी हो गए। इनका विवाह बीते 19 जून को संपन्न हुआ। राज्य सरकार की अभिनव योजना की वजह से दाम्पत्य जीवन में बंधा यह जोड़ा लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य सरकार का आभार जता रहा है।
सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है
गोधन न्याय योजना की वजह से वैवाहिक सूत्र में बंधे नवयुगल को सुनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें विवाह और दाम्पत्य जीवन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। वहीं मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, बीते साढ़े तीन साल में प्रदेशवासियों में राज्य सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। नवयुगल इसका एक बड़ा उदाहरण है। बेटी के परिजनों को यह विश्वास था कि गोबर खरीदी जैसी योजना को राज्य सरकार निरंतर जारी रखेगी। गोबर बेचकर भी श्याम कुमार परिवार की आजीविका चला सकता है और भौतिक संसाधन जुटा सकता है। अंजू के परिजनों को यह पता है कि श्याम कुमार गोबर बेचकर भी उनकी बेटी की जरूरतों को पूरा करने के लिए सक्षम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की एक ही मंशा है कि प्रदेश के हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशियां हों।
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