scriptहरेली पर्व पर गोधन न्याय योजना आज से शुरू, 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी सरकार | Godhan Nyay Yojana starts today on Hareli 2020, Govt will buy cow dung | Patrika News

हरेली पर्व पर गोधन न्याय योजना आज से शुरू, 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी सरकार

locationरायपुरPublished: Jul 20, 2020 02:34:15 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

देश की अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) की शुरुआत आज से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हुई। लोक महापर्व हरेली (Hareli 2020) के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने सांकेतिक रूप से गोबर (Cow Dung) खरीद कर इसे शुरु किया।

cg_govt.jpg
रायपुर. देश की अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) की शुरुआत आज से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हुई। लोक महापर्व हरेली (Hareli 2020) के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने सांकेतिक रूप से गोबर (Cow Dung) खरीद कर इसे शुरु किया।
इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा। योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है। इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है। गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
पारंपरिक रूप से हरेली पर्व कृषि और पर्यावरण से जुड़ी हुआ है। इसीलिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए इसी अवसर को चुना गया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास में आयोजित एक सांस्कृतिक समारोह में योजना की शुरुआत की। प्रदेश के गांवों में सुराजी गांव योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, जिसके तहत पांच हजार से ज्यादा गोठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 2785 गोठान बनकर तैयार हो चुके हैं, शेष का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) इन्हीं गोठानों के माध्यम से संचालित होगी। गौठानों को पशुओं के डे केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। महिला स्व सहायता समूह द्वारा यहां वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के साथ अन्य आय मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं । राज्य सरकार चरणबद्ध रूप से गौठानों का विस्तार करते हुए प्रदेश की सभी 11630 ग्राम पंचायतों और सभी 20 हजार गांवों में गौठान निर्माण का लक्ष्य रखा है। निर्माण पूरा होने के बाद वहां भी गोबर की खरीदी की जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास पर गोधन तथा कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना कर योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश वासियों को नये साल के पहले त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह योजना संकट के समय किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बनेगी। उन्होंने कहा कि यह एक बहुआयामी योजना है, जिससे हमें बहुत सारे लक्ष्य एक साथ हासिल करेंगे।
सीएम बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) से पशुपालकों की आय में वृद्धि तो होगी ही, पशुधन की खुली चराई पर भी रोक लगेगी। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलने से रासायनिक खाद के उपयोग में कमी आएगी। खरीफ तथा रबी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होने से द्विफसलीय क्षेत्र में होगा। भूमि की उर्वरता में सुधार होगा तथा विष रहित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ेगी, इससे पोषण का स्तर और सुधरेगा।
किसानों और पशुपालकों से गोठान समितियों द्वारा दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिससे महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा। तैयार वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जाएंगी।
राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए पहले ही लागू की जा चुकी सुराजी गांव योजना के तहत नरवा-गरवा-घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। गोधन न्याय योजना इनमें से गरवा, घुरवा और बाड़ी घटकों से जुड़ी हुई है।
किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए हाल ही में राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) की शुरुआत भी की गई है, जिसके तहत किसानों के खातों मे 5750 करोड़ रुपए आदान सहायता के रूप में सीधे अंतरित किए जा रहे हैं। इनमें से पहली किस्त के 1500 करोड़ रुपए योजना की शुरुआत के ही दिन अंतरित किए जा चुके हैं। दूसरी किस्त की राशि अगस्त माह में जारी की जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो