scriptगोधन न्याय योजना: गोबर विक्रेताओं को 5 अगस्त को मिलेगा पहला भुगतान, सीएम भूपेश बघेल ने दिया निर्देश ; उधर, रमन ने कसा तंज | Godhan Nyaya Yojana: Dung sellers will get first payment on August 5 | Patrika News

गोधन न्याय योजना: गोबर विक्रेताओं को 5 अगस्त को मिलेगा पहला भुगतान, सीएम भूपेश बघेल ने दिया निर्देश ; उधर, रमन ने कसा तंज

locationरायपुरPublished: Jul 23, 2020 08:20:19 pm

Submitted by:

bhemendra yadav

सीएम बघेल ने मुख्य सचिव को सहकारी और ग्रामीण बैंकों सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर इसके लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

गोधन न्याय योजना: गोबर विक्रेताओं को 5 अगस्त को मिलेगा पहला भुगतान, सीएम भूपेश बघेल ने दिया निर्देश

गोधन न्याय योजना: गोबर विक्रेताओं को 5 अगस्त को मिलेगा पहला भुगतान, सीएम भूपेश बघेल ने दिया निर्देश

रायपुर. प्रदेश में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को 15 दिन में गोबर खरीदी की राशि मिलेगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 23 जुलाई को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में वन विभाग के कार्याें की समीक्षा के दौरान अधिकारियों से कहा कि गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई को गोबर खरीदी शुरू कर की गई थी. इसके लिए 15वें दिन 5 अगस्त को गोबर विक्रेताओं को राशि का भुगतान किया जाएगा.

गौठानों में गोबर खरीदी का समय किया जाएगा निर्धारित
सीएम बघेल ने मुख्य सचिव को सहकारी और ग्रामीण बैंकों सहित अन्य बैंकों के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर इसके लिए सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गोबर की राशि उनके खाते में सीधे अंतरित की जाएगी. वहीं गौठानों में गोबर खरीदी का समय निर्धारित करने के साथ गौठानों में वेटनरी डॉक्टरों और गौ-सेवकों के भ्रमण के कार्यक्रम भी तय करने और लोगों की जानकारी के लिए गौठानों के सूचना पटल में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए. गौठानों और चारागाहों की देखभाल के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

कम्पनियों से होगी अनुबंध
भूपेश बघेल ने कहा कि अन्य राज्यों से बस्तर लौटे युवाओं को वनोपज संग्रहण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्याें में और गोधन न्याय योजना में जोड़कर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाए. उन्होंने कहा कि कलेक्टर और डीएफओ बैठक कर युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार करें. लघु वनोपजों की मार्केटिंग व्यवस्था पर विशेष रूप ध्यान देने और वनोपजों के बड़ी मात्रा में उपयोग करने वाली कम्पनियों से अनुबंध कर उनकी जरूरत की गुणवत्ता की वनोपजों और वनोषधियों को प्रसंस्करण करने के बाद कम्पनियों को उपलब्ध कराया जाए, जिसे कम्पनियां अपने उत्पादों में उपयोग कर सकेंगी.

कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क स्थापित करने पर भी जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेदिक कम्पनियों को छत्तीसगढ़ में ही प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. उन्होंने कृषि, उद्यानिकी और वनों में उत्पादित फसलों को सुरक्षित रखने के लिए पूरे प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क स्थापित करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि कृषि और उद्यानिकी विभाग पीपीपी माडल पर कोल्ड स्टोरेजों का संचालन कराए. बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अम्बिकापुर से स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव शामिल हुए.

इनके अलावा बैठक में संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी और चंद्रदेव प्रसाद राय, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी, विनोद वर्मा, प्रदीप शर्मा और रुचिर गर्ग, मुख्य सचिव आरपी मंडल, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी, आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव डीडी सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी उपस्थित थे.

डॉ. रमन ने कसा तंज
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भूपेश सरकार की गोबर खरीद की गोधन न्याय योजना के भारी भरकम प्रचार पर तंज कसा है। डॉ. सिंह ने आज किए ट्वीट में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अविश्वसनीय, अकल्पनीय आर्थिक प्रबन्धन को देखिए, एक दिन में दो हजार क्विंटल मतलब सिर्फ चार लाख रूपए का गोबर खरीदा और विज्ञापन व प्रचार प्रसार में करोड़ो रूपए खर्च कर दिए।

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