तय हुआ कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन को सभी राज्यों और प्रदेश के सभी जिलों में संचालित किया जाए। छत्तीसगढ़ के केवल 19 जिलों में बागवानी मिशन की योजनाएं संचालित हैं। बैठक में किचन गार्डन योजना का नाम बदलकर पोषण बाड़ी करने का भी सुझाव आया।
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय बागवानी मिशन संचालक डॉ. प्रभाकर सिंह ने कहा, बाड़ी में पैदा फसलों में पोषक तत्व अधिक होते हैं। पूर्वी राज्यों छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के अधिकारियों की यह बैठक मिशन ऑन इंटिग्रेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एम.आई.डी.एच.), राष्ट्रीय बागवानी मिशन के क्रियान्वयन में हो रही कठिनाइयों और नए तत्वों पर सुझाव लेने के लिए बुलाई गई थी।
छोटे किसानों की दिक्कतें दूर करने पर जोर
बैठक में बागवानी करने की कोशिश कर रहे छोटे किसानों की दिक्कते दूर करने पर जोर रहा। सुझाव आया कि 25 लाख रुपए तक की बैक एंडेड सब्सिडी की अनिवार्यता को समाप्त किया जाये। पांच से दस टन की छोटी इकाइयां को बढ़ावा देने की भी बात हुई।
बस्तर में भी खुलेगी पौध तैयार करने की इकाई
छत्तीसगढ़ बागवानी मिशन संचालक डॉ. प्रभाकर सिंह ने बताया, प्रदेश में पौध तैयार करने की चार प्लग टाइप सीडलिंग यूनिट काम कर रही हैं। पांचवी इकाई जल्दी ही बस्तर में लगेगी। इसके साथ ही सभी पांचों संभागों में पौध तैयार करने की ऐसी इकाईयां हो जाएंगी।