आयुसीमा में दो वर्ष की रियायत
रेल मंत्रालय के मुताबिक सहायक लोको पायलट (एएलपी) एवं तकनीशियन पद के लिए ओबीसी वर्ग के 31 वर्ष की बजाय 33 वर्ष और एससी व एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयुसीमा 33 से बढ़ाकर 35 वर्ष कर दी गई है। इसी तरह लेवल-1 (पूर्ववर्ती समूह-डी) पदों के लिए अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयुसीमा 31 वर्ष से बढ़ाकर 33 वर्ष, ओबीसी वर्ग की 34 से 36 और एससी व एसटी वर्ग के लिए 36 वर्ष से बढ़ाकर 38 वर्ष कर दी गई है।
इन्हें वापस मिलेंगे 400 रुपए
परीक्षा शुल्क ऐसे अगंभीर अभ्यार्थियों को हतोत्साहित करने के लिए लागू की जाती थी, जो परीक्षा का आवेदन करने के बावजूद परीक्षा में हिस्सा नहीं लेते थे। इससे रेलवे को परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों की सुविधा के लिए व्यवस्था करने में बहुत रकम और संसाधन लगाने पड़ते थे। ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें कोई छूट प्राप्त नहीं थी, उनके लिए परीक्षा शुल्क 500 रुपए निर्धारित किया गया था। अब फैसला किया गया है कि जो अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे, उन्हें 400 रुपए वापस कर दिए जाएंगे। रकम की पुनर्वापसी के लिए अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक है कि वे अपने ऑनलाइन बैंक खातों का विवरण दें। यह सुविधा जल्द शुरू हो जाएगी।
इनका पूरा परीक्षा शुल्क हो जाएगा वापस
अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ दिव्यांग/ पूर्व सेनाकर्मी/ महिला, अल्पसंख्यक/ आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग जैसे छूट प्राप्त अभ्यथियों से 250 रुपए लिए जाएंगे। इन वर्गों के जो अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे, उन्हें पूरी धनराशि वापस कर दी जाएगी।
शैक्षणिक योग्यता में भी बदलाव
रेलवे ने फैसला किया है कि इस परीक्षा के लिए योग्यता दसवीं कक्षा अथवा आईटीआई अथवा इसके बराबर योग्यता होगी। इससे कुछ और अभ्यर्थियों को पदों के लिए आवेदन करने में और बड़े पैमाने पर इसमें शामिल होने का अवसर मिलेगा। साथ ही रेलवे ने कर्मचारियों के बेहतर कौशल के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई है।
अपनी भाषा में हस्ताक्षर
रेल मंत्रालय के मुताबिक अभ्यर्थी अब केवल हिन्दी अथवा अंग्रेजी में हस्ताक्षर करने के बजाय किसी भी भाषा में हस्ताक्षर कर सकते हैं।