योजना ठंडे बस्ते में
बीजेपी सरकार में पर्यावरण सचिव एन.बैजेंद्र कुमार ने राजधानीवासियों को वायु प्रदूषण राहत देने के लिए उद्योगों को जिले के बाहर आउटर में शिफ्ट करने की पहल की थी। इसके लिए उन्होने सख्ती करने का निर्देश भी दिया था। लेकिन उनके स्थानांतरण होने के बाद क्षेत्रीय पर्यावरण एवं उद्योग अधिकारियों ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
उरला-सिलतरा और धरसींवा में ज्यादा उद्योग
राजधानी रायपुर में 150 स्टील, आयरन, पॉवर और मिनी प्लांट के उद्योग चल रहे है। इसके अलावा सुक्ष्म उद्योग 7 से 10 हजार एवं लघु उद्योग एवं मध्य उद्योग की संख्या लगभग 5 हजार है। सुक्ष्म और लघु उद्योग को छोड़ दे तो उच्च दाब के 150 उद्योगों को शहर के बाहर भेजना था। उच्च दाब के उद्योग वर्तमान में उरला, सिलतरा और धरसींवा में बड़े पैमाने में चल रहे है। इन उद्योगों से निकलने वाला धुआं लोगों को बीमारी बांट रहा है।