इसमें महिला स्व-सहायता समूहों को आसान और सस्ता ऋण दिया जाता है। पांच वर्ष में 90 हजार स्व-सहायता समूहों को 1 हजार 151 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है। उन्होंने कहा, बीजापुर जिले के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस ई-रिक्शे में बैठे थे, वह हमारी एक बहन की उद्यमिता की मिसाल है। उन्होंने कहा, जो समूह पहले मोमबत्ती बनाते थे, वे अब एलईडी बल्ब बना रहे हैं। गांवों में गोबर के कंडे बनाकर आजीविका चलाने वाली महिलाओं ने स्व-सहायता समूह से जुडक़र आईसक्रीम बनाना सीख लिया है। पहले जो मिट्टी के घड़े बनाते थे, वे अब कोल्ड स्टोरेज स्थापित कर स्थानीय फलों और सब्जियों को रखने की व्यवस्था कर रहे हैं।