स्कूल में जरूरी है आधार कार्ड
16 जून से स्कूल खुलने के साथ ही प्रवेश के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को देखते हुए पालक भी चिंतित हैं। राजधानी रायपुर में 12 लोकसेवा केंद्रों के भरोसे लाखों लोगों का आधार कार्ड बनाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जमीन हकीकत पर गौर किया जाए तो एक केंद्र में सुबह से शाम तक 200 से ज्यादा लोग पहुंचते हैं। किसी को नया आधार बनवाना होता है तो किसी को पुराने में नाम, जन्मतिथि, पता आदि सुधरवाना होता है। इनमें से एक केंद्र पर दिनभर में गिनती के लोगों का ही आधार बन पा रहा है। इधर राजधानी में रायपुर में नया आधार बनवाने और पुराने में फेरबदल करवाने में लोगों को पसीना छूट रहा है। 15 मिनट के काम के लिए एक से दो दिन लग रहे हैं। कई बार तो दो दिन में भी आधार नहीं बन पा रहे हैं।
बैंकों में शुरू नहीं हो सका आधार पंजीयन केंद्र
नवंबर 2017 से राजधानी के प्रमुख बैंकों में आधार कार्ड बनाए जाने की योजना थी। इसके अलावा पहले बन चुके कार्ड में नाम और अन्य त्रुटियां भी बैंकों में सुधारे जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। वहां मशीन लगाकर कर्मचारी नियुक्त किए जाने की तैयारी थी। इस बारे में बैंकों को निर्देशित भी किया गया था कि वे ब्रांचों को इन कार्यों के लिए अपडेट करें। बैंक खातों को आधार लिंक करने में हो रही देरी के चलते यह व्यवस्था किए जाने की योजना थी, ताकि आधार लिंक का कार्य जल्दी हो सके, लेकिन अब तक राजधानी के बैंकों में आधार पंजीयन केंद्र ही नहीं खुल सके हैं।
नि:शुल्क बनता है आधार कार्ड
राजधानी के च्वाइस सेंटरों में आधार कार्ड बनाने के नाम पर मनमाने पैसे वसूलने की शिकायत के बाद लोकसेवा केंद्रों में नि:शुल्क आधार कार्ड बनवाने योजना बनाई गई थी। छोटे-बड़े सभी कार्यों के लिए आधार की अनिवार्यता के बाद लोग च्वाइस सेंटर में 200 से 300 रुपए देकर बनवा रहे थे।
नए शैक्षणिक सत्र को देखते हुए एडमिशन से पूर्व आधार कार्ड बनवाने पालक रोजाना लोकसेवा केंद्रों का चक्कर काट रहे हैं, जिन बच्चों के आधार नहीं हैं या जिनमें संशोधन किया जाना है वे काफी परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ लेने और शासकीय कामकाज में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद लोगों की परेशानी दोगुनी हो गई है। हजारों लोगों के पास आधार नहीं हैं या जिनके पास हैं उनमें संशोधन होना है।
परितोष डोनगांवकर, प्राजेक्ट हेड, लोकसेवा केंद्र