मुख्यमंत्री और महासंघ की मुलाकात के बाद फेडरेशन भी हरकत में आ गया है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। हमने रविवार को फेडरेशन से जुड़े सभी प्रांताध्यक्षों की आपात बैठक बुलाई है। इसमें 22 अगस्त के आंदोलन को लेकर विस्तार से चर्चा होगी। उन्होंने कहा, फेडरेशन दो बार मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा कर चुका है, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री से नहीं मिलवाया जा रहा है। जबकि इसे लेकर फेडरेशन चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहा है। बता दें कि पिछले दिनों फेडरेशन के आह्वन पर कर्मचारियों ने एक सप्ताह तक सामूहिक अवकाश लेकर कलमबंद आंदोलन किया था। इसके बाद ही सरकार ने हड़ताल अवधि का वेतन काटने के निर्देश दिए थे।
ठीक इसके विपरीत मुख्यमंत्री के इस फैसले से छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन संतुष्ट नहीं है। फेडरेशन 12 फीसदी डीए बढ़ाने की मांग कर रहा था। इसके लिए फेडरेशन ने तीन चरण में आंदोलन भी किया था। बता दें कि मुख्यमंत्री की सहमति के बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 22 से बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा।
हड़ताल पर नहीं गए तो इस अवधि को अवकाश में शामिल करने पर विचार
मुख्यमंत्री से महासंघ से मुलाकात के दौरान इस बात के भी संकेत दिए है कि एरियर्स देने के लिए मुख्य सचिव से चर्चा कर सकारात्मक रुख अपनाएंगे। मुलाकात के दौरान महासंघ ने मुख्यमंत्री के सामने सातवें वेतनमान के आधार पर एचआरए बढाने की मांग को प्रमुखता से रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रूप से विचार करने का भरोसा दिलाया है। वहीं हड़ताल अवधि को अवकाश में शामिल करने की महासंघ की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 अगस्त से प्रस्तावित हड़ताल पर यदि नहीं जाते हैं तो इस मांग पर भी विचार किया जाएगा। इस अवसर पर महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला, महेन्द्र सिंह राजपूत, कमलेश राजपूत, ओपी शर्मा सहित अन्य मौजूद थे।