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वेतन, पेंशन, सब्सिडी और ब्याज के कारण सरकार का राजस्व व्यय 9 हजार करोड़ रुपए बढ़ा

locationरायपुरPublished: Jul 31, 2021 02:20:17 pm

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CG Desk

– महालेखाकार की रिपोर्ट में खुलासा, सरकार के वर्ष 2019-20 के वित्तीय कामकाज का किया आंकलन- एक साल में 686.76 करोड़ का राजस्व अधिक्य 9608.61 राजस्व घाटे में बदला गया

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रायपुर . राज्य सरकार के राजस्व व्यय बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2018-19 की तुलना में 2019-20 में इसमें 9066.14 करोड़ की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि वेतन-मजदूरी, पेंशन, सब्सिडी और ब्याज भुगतान की वजह से हो रही है। केवल सब्सिडी में ही 3160 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। जबकि वेतन और मजदूरी में 3956 करोड़, पेंशन में 1209 करोड़ और ब्याज भुगतान में 1318 करोड़ की वृद्धि हुई है। यह खुलासा नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ है। इस रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि वर्ष 2018-19 में 686.76 करोड़ का राजस्व अधिक्य वर्ष 2019-20 आते-आते 9608.61 राजस्व घाटे में बदला गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को कैग की तीन रिपोर्ट सदन में पेश की है। इसमें से एक रिपोर्ट में आर्थिक स्थिति का पूरा ब्यौरा पेश किया गया है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019-20 राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.46 फीसदी था, जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है। पूंजीगत व्यय में 3.79 फीसदी की कमी देखी गई है।

लागत से 2496 करोड़ अधिक खर्च हुए
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक लोक निर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग के 145 अपूर्ण परियोजनाओं में से 51 परियोजनाओं में 2496.70 करोड़ रुपए लागत से अधिक खर्च हुए हैं। निर्माण में देरी होने से परियोजना का अपेक्षित लाभ भी नहीं मिला है।

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2018-19 की तुलना में 2019-20 में हुए प्रमुख बदलाव

राजस्व प्राप्तियां
– राज्य के राजस्व प्राप्तियों में 1.88 फीसदी की कमी
– राज्य के स्वयं के कर राजस्व में 3.22 फीसदी की वृद्धि

– करेत्तर राजस्व में 3 फीसदी की वृद्धि
– राज्य के संघीय करों एवं शुल्कों में 13.87 फीसदी की कमी
– भारत सरकार से सहायता अनुदान में 8.84 फीसदी की वृद्धि

राजस्व व्यय
– राजस्व व्यय में 14.08 फीसदी की वृद्धि
– सामान्य सेवाओं पर राजस्व व्यय में 24.97 फीसदी की वृद्धि
– सामाजिक सेवाओं पर राजस्व व्यय में 13.63 फीसदी की वृद्धि
– आर्थिक सेवाओं पर राजस्व व्यय में 7.38 फीसदी की वृद्धि
– सहायता अनुदान पर व्यय 25.15 फीसदी की वृद्धि

पूंजीगत व्यय
– पूंजीगत व्यय में 3.79 फीसदी की कमी
– सामान्य सेवाओं पर पूंजीगत व्यय में 23.89 फीसदी की कमी
– सामाजिक सेवाओं पर पूंजीगत व्यय में 7.81 फीसदी की वृद्धि।
– आर्थिक सेवाओं पर पंूजीगत व्यय 6.03 फीसदी की कमी।

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ऋणों और अग्रिम
– ऋण और अग्रिमों के संवितरणों में 76.66 फीसदी की कमी।
– ऋण और आग्रिमों की वसूली में 58.19 फीसदी की वृद्धि।

लोक ऋण
– लोक ऋण प्राप्तियों में 36.31 फीसदी की वृद्धि।
– लोक ऋण आदायगी में 658.80 फीसदी की वृद्धि।

लोक लेखा प्राप्तियां
– लोक लेखा प्राप्तियों में 16.91 फीसदी की वृद्धि।
– लोक लेखा संवितरणों में 9.64 फीसदी की वृद्धि।

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