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तीन बार आपात सेवाएं बाधित करने के बाद भी ब्लैक लिस्ट नही की गई जीवीके कंपनी

locationरायपुरPublished: Aug 08, 2018 12:08:13 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

कंपनी और कर्मचारियों के विवाद के चलते प्रदेश में तीन बार आपात सेवाएं बाधित हो चुकी हैं

sanjeevani worker

तीन बार आपात सेवाएं बाधित करने के बाद भी ब्लैक लिस्ट नही की गई जीवीके कंपनी

रायपुर. आपात कालीन सेवा के लिए जीवीके को 108 और 102 के संचालन का जिम्मा प्रदेश में 2011 से मिला हुआ है। इस दौरान कंपनी और कर्मचारियों के विवाद के चलते प्रदेश में तीन बार आपात सेवाएं बाधित हो चुकी हैं। अब भी तकरीबन 23 दिनों से हड़ताल जारी है। इसके बावजूद सरकार कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

कंपनी और शासन के बीच हुए एमओयू के आधार पर अब कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाना चाहिए था, लेकिन नए टेंडर में अवसर देने के लिए कंपनी को अभयदान दे दिया गया है। हड़ताल के दौरान शासकीय कर्मचारियों की मदद से सेवाएं संचालित हो रही हैं। लगातार आपात कालीन सेवाएं बाधित होने के कारण संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के संचालक ने ९ जुलाई को कंपनी को काली सूची में डालने के लिए नोटिस जारी किया। इसमें साफ लिखा गया है कि कंपनी के आंतरिक कारणों से आपातकालीन सेवाओं में बाधा स्वीकार योग्य नहीं है। इसके अलावा यदि कंपनी के कर्मचारियों द्वारा फिर से हड़ताल की गई तो कंपनी को काली सूची में डाला जाएगा। अहम बात यह है कि तब से आज तक हड़ताल जारी है, लेकिन कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस संबंध में पूर्व संचालक रानू साहू से बात की गई तो उन्होंने कंपनी को एक आखिरी मौका देने की बात कही थी।

स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के संचालक आर प्रसन्ना ने कहा कि मुझे इस संबंध में अभी जानकारी नहीं है। मैंने दो दिन पहले ही पदभार ग्रहण किया है। फाइल देख कर ही कुछ बता पाउंगा।

कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि टेंडर के समय ही शासन को आगाह किया था कि कंपनी श्रम नियमों का उल्लंघन कर रही है। लेकिन कंपनी के प्रति प्रेमवश कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब कंपनी को नोटिस देकर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

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