रायपुर जिले का कोटा 1165 क्विंटल
जिले के राशन कार्डधारियों को प्रति महीने एक किलो नि:शुल्क नमक का वितरण किया जाता था। इसके लिए खाद्य विभाग द्वारा हर महीने करीब 1165 क्विंटल नमक का आवंटन जारी किया जाता था। प्रदेश 57 लाख 68 हजार 868 क्विंटल विभाग द्वारा जारी किया किया जाता था। चावल का आवंटन पूर्ववर्ती सरकार की योजना के मुताबिक ही किया गया है। इसके मुताबिक प्रति यूनिट सात किलो के हिसाब से चावल का आवंटन जारी किया गया है। वहीं नई सरकार ने प्रति कार्ड 35 किलो के हिसाब से चावल दिए जाने की घोषणा की थी लेकिन उक्त योजना को फिलहाल लागू नहीं किया गया है।
दो से एक पैकेट किया, अब पूरा बंद
भाजपा सरकार के दौरान पहले पंचवर्षीय में दो पैकेट नमक दिया जाता था। इसके बदले में हितग्राही से प्रति पैकेट 25 पैसे लिया जा रहा था। दूसरे पंचवर्षीय में एक पैकेट नमक नि:शुल्क दिया जाता था। तीसरे पंचवर्षीय में भाजपा सरकार ने आयोडीन और गुणवत्ता ठीक नहीं होने की शिकायत के कारण अमृत के बजाय आयोडाइज्ड नमक का वितरण शुरू किया था।
रायपुर जिले में सवा लाख राशन कार्डधारी
राशन कार्डों के आंकड़े पर गौर करें तो प्रदेश भर में 57 लाख 68 हजार 868 राशन कार्डधारी और रायपुर 1 लाख 16 हजार 500 कार्डधारी हैं में हैं। छत्तीसगढ़ कोर पीडियस संघ के अध्यक्ष नरेश बाफना का कहना है कि दालभात बंद करना यह आम जनता के हित में नहीं है। अपै्रल माह के लिए चना और अमृत नमक का एलॉटमेंट अब तक नहीं आया। अमूमन हर माह की 10 तारीख तक सामाग्रियों का एलॉटमेंट आ जाया करता था।
कौशिक बोले- आदिम युग की ओर ले जा रही है कांग्रेस
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा बस्तर को आदिम युग से जोडकऱ कांग्रेस फिर से पिछड़ेपन की तस्वीर को उकेरना चाहती है इसलिए ही बस्तर के करीब पौने दो लाख परिवार को चना और नमक से वंचित रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से अप्रैल व मई महीने का आबंटन इस योजना के लिए नहीं दिया गया है। इससे साबित होता है कि मुफ्त चना व नमक वितरण की योजना बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बस्तर में इस योजना की शुरूआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जन भावनाओं के मुताबिक की थी।