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पीलिया की आशंका से सरकार हुई अलर्ट, इन इलाकों में ले रही पानी के सैंपल

locationरायपुरPublished: Apr 30, 2019 01:27:41 pm

Submitted by:

Akanksha Agrawal

शहरों में पीलिया और दूषित पानी से होने वाली दूसरी बीमारियों की आशंका को लेकर सरकार के कान खड़े हो गए हैं।

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पीलिया की आशंका से सरकार हुई अलर्ट, इन इलाकों में ले रही पानी के सैंपल

रायपुर. शहरों में पीलिया और दूषित पानी से होने वाली दूसरी बीमारियों की आशंका को लेकर सरकार के कान खड़े हो गए हैं। अब जिम्मेदार विभागों ने एक-दूसरे को पत्र लिखना शुरू किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इसको लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को पत्र लिखकर पीलिया के संकट से आगाह किया है। अब नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी नगर निगम आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
निकायों से कहा गया है कि वे जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग से समन्वय कर पीलिया के प्रभावी नियंत्रण का उपाय करें। नगरीय निकायों को पीलिया पर नियंत्रण के लिए किसी एक अधिकारी को प्रभार देने को भी कहा गया है। पत्रिका से 27 अप्रेल को प्रकाशित खबर में बताया था, गंदी नालियों से गुजर रही पेयजल की जर्जर पाइपलाइन से पीलिया के खतरा मंडराने लगा है। तमाम निर्देशों के बावजूद नगर निगम पाइपलाइन नहीं बदल पाया है।

राजधानी में ही बुरी स्थिति
तमाम दावों के बावजूद हर वर्ष प्रदेश में पीलिया से लोगों की मौत होती है। राजधानी रायपुर में हर साल पीलिया से बड़ी संख्या में लोग बीमार होते हैं। 2018 में रायपुर के 6 लोगों की पीलिया ने जान ली। 2016 में तो 24 लोगों की जान गई।

निकायों को यह करना होगा
– क्षतिग्रस्त पाइपलाइन की मरम्मत करनी होगी, पानी के नमूनों की नियमित जांच।
– लोगों को पीलिया के लक्षणों और ईलाज की सुविधा के प्रति जागरुक करना है।
– पेयजल आपूर्ति के स्रोतों को कीटाणुरहित करना है।
– अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकनी है।
– नालों की सफाई करानी है। पेयजल स्रोत वाले क्षेत्रों की नियमित सफाई।

आइसक्रीम और बर्फ फैक्ट्री की जांच के लिए बनाई टीम
पीलिया को देखते हुए जिला प्रशासन ने बर्फ व आइसक्रीम फैक्ट्री और गन्ना जूस सेंटरों की जांच के लिए टीम बनाई है। सोमवार को एसडीएम के नेतृत्व में पांच टीम बना कर जांच के निर्देश दिए गए हैं। कलक्टर ने एक सप्ताह में जिले की सभी फैक्ट्री और जूस सेंटरों की जांच करके प्रतिवेदन देने को कहा है। सभी टीमों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी भी रहेंगे जो पेय व खाद्य पदार्थों का सैम्पल लेंगे। दूसरी ओर संयुक्त टीम बनाकर ऐसे फैक्ट्रियों की जांच कराई जाएगी।

जिला प्रशासन इस विषय पर अब गंभीर हो गया है। शहर में फैले पीलिया को देखते हुए निगम प्रशासन शहर के बर्फ फैक्ट्रियों में ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई कर रही है। इस अभियान में कई फैक्ट्रियों में दूषित पानी से बर्फ बनाए जाने और इसकी सप्लाई शहर में किए जाने पर फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है।

गन्ना जूस सेंटरों में खपा रहे बर्फ
दूषित पानी से निर्मित होने वाले बर्फ शहर के मछली बाजार में खपाए जाते थे, लेकिन अब ज्यादा कमाई के लालच में दूषित पानी से बने बर्फ गन्ना रस के ठेलों आदि में भी खपाया जाने लगा है। इसे ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन की ओर से योजना तैयार की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसे जगहों पर भी दबिश दी जाएगी, जहां लोकल ब्राण्ड के बर्फ गोले, आइसक्रीम और शीतल पेय पदार्थ बनाया जाता है।

मोवा इलाके में पानी का लिया सैंपल
पीलिया फैलने की सूचना पर नगर निगम की टीम ने लैब टेक्नीशियन को साथ लेकर सोमवार को जोन क्रमांक 2 के मोवा बस्ती का निरीक्षण किया और कई घरों में जाकर पानी का सैंपल भी लिया। इन बस्तियों में बीते वर्ष पीलिया की शिकायत मिली थी। निरीक्षण दल ने मोवा बस्ती और आसपास के रिहाइशी इलाकों में पानी की गुणवत्ता व क्लोरीन की मात्रा की जांच की। निरीक्षण दल में जोन कमिश्नर संतोष पाण्डेय, कार्यपालन अभियंता चित्रसेन प्रधान, सहायक अभियंता इंद्र कुमार चंद्राकर, प्रयोगशाला तकनीकी दल के प्रमुख सहायक अभियंता नरसिंह फलेंन्द्र के साथ लैब टेक्नीशियन की टीम भी साथ थी।

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