विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, शराबबंदी के बाद शराबियों की स्थिति जल बिन मछली की तरह हो सकती है। उनके लिए इलाज और पुनर्वास केंद्रो की जरूरत होगी। इसलिए शराबियों के वास्तविक आंकड़े जरूरी है। उन्होनें बताया, यह सुझाव शराबबंदी का अध्ययन करने के लिए बनी प्रशासनिक समिति में आया था।
अगर वे लोग प्रस्ताव बनाकर भेजते हैं तो हम भी उसपर चर्चा कर आगे बढ़ाएंगे। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी लागू करने का वादा किया था।
सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शराबबंदी लागू करने से पहले उसके प्रभावों का अध्ययन करने की बात कही। उसके बाद समाज प्रमुखों, प्रशासनिक अधिकारियों और सर्वदलीय विधायकों की एक समिति बनाकर अध्ययन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।