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किसानों के लिए अच्छी खबर: सरकार इस काम के लिए दे रही 2 लाख रुपए, तुरंत करें अप्लाई

locationरायपुरPublished: Oct 30, 2021 04:35:15 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की घोषणा के बाद लाख उत्पादक किसान व समूहों के लिए अल्पकालीन ऋण लेने का रास्ता खुल गया है।

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रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की घोषणा के बाद लाख उत्पादक किसान व समूहों के लिए अल्पकालीन ऋण लेने का रास्ता खुल गया है। इसके लिए सहकारिता विभाग ने नियमों का खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत लाख उत्पादक समूह को अधिकतम 2 लाख और व्यक्तिगत रूप से किसान 50 हजार रुपए का अल्पकालीन ऋण ले सकते हैं। यह ऋण शून्य ब्याज दर पर मिलेगा। इससे प्रदेश के करीब 36 हजार किसानों को फायदा होगा। सहकारिता विभाग की ओर से इसके नियम जारी हो गए हैं। इसमें कई शर्तों को जोड़ा गया है। समूहों का ऋण प्रकरण तभी तैयार होगा, जब उनके पास सीड मनी के रूप में 50 हजार रुपए होंगे।

60:40 के अनुपात में मिलेगा कर्ज
लाख उत्पादक किसानों को कर्ज देने के लिए अनुपात भी तय कर दिया गया है। इन्हें 60:40 के हिसाब से कर्ज दिया जाएगा। किसानों को 60 फीसदी नकद और 40 वस्तु ऋण दिया जाएगा। शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्थिति में किसानों को 60 फीसदी से अधिक की राशि नकद रूप में नहीं दी जाएगी।

लघु वनोपज समिति करेगी चिह्नांकन
शासन की ओर से बनाए गए नियमों के मुताबिक कृषकों के पास पोषक वृक्ष जैसे कुसुम, पलाश, बेर आदि का चिह्नांकन लघु वनोपज समिति करेगी। किसानों को स्वयं की भूमि पर खड़े पेड़ों के आधार पर ही ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों के मेड़ में पाए जाने वाले वृक्षों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। लघु वनोपज समिति अभियान चलाकर निजी भूमि में खड़े सभी पेड़ों को राजस्व रेकॉर्ड में एंट्री करवाएगी। लाख उत्पादक किसानों को कर्ज लेने के लिए नजदीक के सहकारी बैंक में खाता खोलना अनिवार्य होगा।

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मिलेगा मौसम आधारित बीमा
उद्यानिकी फसलों के अनुरुप लाख पालन के लिए बीमा किया जाएगा। इसकी राशि ऋण से काटी जाएगी। इससे मौसम की वजह से नुकसान होने पर किसानों को बीमा का लाभ मिलेगा और कर्ज पटाने में भी आसानी होगी। बीमा एजेंसी का निर्धारण राज्य लघु वनोपज संघ करेगा। संघ लाख उत्पादक किसानों और समूहों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षण देकर तैयार करेगा।

कलेक्टर करेंगे निगरानी
इस ऋण योजना पर नजर रखने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति भी गठित की जाएगी। इसके अलावा ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। इसके जरिए कर्ज लेने वाले किसानों का पूरा डाटा होगा। इससे भी योजना में नजर रखने में आसानी होगी।

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